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'राष्ट्रीय शिक्षा नीति' पर शिक्षकों से की जाए चर्चा


मुजफ्फरनगर। प्रोफेसर दिनेशकुमार ने कहा कि स्कूल शिक्षा पूर्व बाल्यावस्था शिक्षक शिक्षा एवं व्यस्क शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को पांच गुणों में बांटकर प्रश्नों पर चर्चा होनी चाहिए। इसमें आए सुझावों को अभिलेखित कर एनसीईआरटी पोर्टल पर अपलोड भी किया जाना है।


श्रीराम कॉलेज के सभागार में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान नई दिल्ली और राज्य शैक्षिक अनुसंधान लखनक के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पाठ्यचर्या के निर्माण के लिए जनपद स्तरीय परिचयों का आयोजन किया गया। शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर दिनेश कुमार एवं अध्यक्ष डॉ. एससी फुलश्रेष्ठ ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। राज्य समन्वयक स्कूल शिक्षा डॉ. मुज्जमिल हसन कहा कि कार्यक्रम के संचालन के लिए मुजफ्फरनगर, कुशीनगर और कानपुर नगर का चयन किया गया है।


कार्यक्रम पूर्व में भी विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्म पर पूरित किया गया है। जिसमें स्कूल शिक्षा पूर्व बाल्यावस्था शिक्षा, शिक्षक शिक्षा एवं व्यस्क शिक्षा पर सुझाव मांगे जा चुके हैं। एनसीईआरटी की ओर से भी अलग-अलग राज्यों के जनपदों में परिचर्चा कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलिजेज के चेयरमैन डॉ. एससी कुलश्रेष्ठ ने कहा कि सभी बिंदुओं पर विचार विमर्श किया जाना चाहिए। प्राचार्या डॉ. प्रेरणा मित्तल ने कहा कि नई शिक्षा नीति में छात्रों के ज्ञान के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य और कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा। कार्यक्रम में संदीप राठी, जगमेहर गौतम, भानु प्रताप वर्मा का योगदान रहा।

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