समय से विद्यालय नहीं पहुंचते शिक्षक, अधर में बच्चों का भविष्य
समय से विद्यालय नहीं पहुंचते शिक्षक, अधर में बच्चों का भविष्य
अतरौलिया विकासखंड के भरसानी प्राथमिक विद्यालय पर अध्यापकों के न आने से बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं जिसे लेकर अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है। लोगों का आरोप है कि विद्यालय में बच्चों की संख्या काफी है। जिसके सापेक्ष विद्यालय में अध्यापक नियुक्त है। विद्यालय खुलने के समय कुछ अध्यापक विद्यालय तो पहुंचते है तो कुछ नही।
इस समय शासन ने परिषदीय विद्यालय का समय सुबह 7:30 से 12 बजे तक निर्धारित कर दिया है। शिक्षकों को इतनी संख्या होने के बाद भी विद्यालय में मात्र 87 बच्चों का ही नामांकन है।
परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा को लेकर सरकार काफी गंभीर है। सरकार के निर्देश पर शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए स्कूल चलो अभियान चलाया जा रहा है लेकिन भरमानी विद्यालय पर ठीक इसके विपरीत कार्य हो रहा है। जहां शिक्षकों के अभाव में बच्चे पढ़ाई से बंचित हो रहे हैं। विद्यालय में अध्यापकों के न आने से अभिभावक काफी आक्रोशित है। अभिभावकों का आरोप है कि विद्यालय के प्रधानाचार्य भी विद्यालय समय से नहीं पहुंचते जिससे बच्चों की पढई प्रभावित होती है। विद्यालय के बाहर बच्चे घूमते नजर आते हैं। वहाँ विद्यालय के अधिकतर कमरों में ताला लटका हुआ है। कमरे के अंदर कभी साफ- सफाई नहीं की जाती ह विद्यालय के बाहर गंदगी का अंबार लगा हुआ है
गांव निवासी जितेंद्र कुमार ने बताया कि वह एक हप्ते से लगातार यहां आ रहे हैं। कभी कोई शिक्षक 10 बजे तो कोई 11 बजे आ रहा है। शनिवार को जब विद्यालय पहुंचा तो देखा कि केवल प्रधानाध्यापक व शिक्षामित्र ही आए थे। विद्यालय में ताला लटका हुआ था और बच्चे विद्यालय के बाहर घूम रहे शिक्षकों की मनमानी और लेटलतिफी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है उनका भविष्य अंधकार की तरफ ढकेला जा रहा है। गांव के ही आकाश कुमार ने बताया कि विद्यालय में
अध्यापक हमेशा लेट आते हैं। विद्यालय की कुर्सियां हमेशा खालो रहती हैं। बच्चों को पढ़ाने वाला भी कोई नहीं है। शिक्षकों को समय से विद्यालय पहुंचकर शिक्षण कार्य करने के लिए कई बार प्रधानाध्यापक द्वारा हिदायत दी गई लेकिन शिक्षक हैं कि उनका आदेश मानते ही नहीं। जिसके कारण विद्यालय में पहुंचने वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
समय में विद्यालय आने और बच्चों को पढ़ाने के लिए कई बार शिक्षकों को का गया लेकिन वह समय मे नहीं आते। इस समय विद्यालय हतको चल रहा है। उमेश
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