परिषदीय स्कूलों में बढ़ गए 30 हजार विद्यार्थी
प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ता नजर आ रहा है। वर्तमान सत्र में कुल 30 हजार विद्यार्थी बढ़ गए हैं। नामांकन बढ़ोतरी की दृष्टि से देखें तो प्रयागराज प्रदेश में पांचवें स्थान पर है। पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमश: वाराणसी, जौनपुर और भदोही है। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि सरकारी
स्कूलों में संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। अध्यापन के स्तर में भी सुधार किया गया है। यही वजह है कि स्कूलों में नामांकन तेजी से बढ़ा। आने वाले दिनों में विद्यालयों में संसाधन और बढ़ाए जाएंगे। वर्तमान सत्र में स्कूल चलो अभियान सहित कई कार्यक्रम चलाए गए हैं। उसी का प्रभाव रहा कि 30 हजार विद्यार्थी बढ़ गए। अब जिले के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या चार लाख 76 हजार हो गई है। सभी स्कूलों में बिजली, पेयजल और शौचालय की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। स्तरीय शिक्षण के लिए अधिकतर विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाएं भी बनाई गई हैं। जहां स्मार्ट क्लास अभी नहीं है वहां जुलाई तक प्रबंध हो जाएगा। इन्हीं बदलावों की वजह से अभिभावक सरकारी स्कूलों में बच्चों को भेजने में रुचि लेने लगे हैं। प्रत्येक विद्यालय में शनिवार को नो बैग डे की तैयारी चल रही है। कुछ विकास खंड के चुनिंदा स्कूलों में प्रयोग के तौर पर शनिवार को बच्चे बिना बैग के बुलाए जा रहे हैं। इस दिन उन्हें गतिविधि आधारित शिक्षा दी जाती है।
स्कूलों में संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। अध्यापन के स्तर में भी सुधार किया गया है। यही वजह है कि स्कूलों में नामांकन तेजी से बढ़ा। आने वाले दिनों में विद्यालयों में संसाधन और बढ़ाए जाएंगे। वर्तमान सत्र में स्कूल चलो अभियान सहित कई कार्यक्रम चलाए गए हैं। उसी का प्रभाव रहा कि 30 हजार विद्यार्थी बढ़ गए। अब जिले के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या चार लाख 76 हजार हो गई है। सभी स्कूलों में बिजली, पेयजल और शौचालय की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। स्तरीय शिक्षण के लिए अधिकतर विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाएं भी बनाई गई हैं। जहां स्मार्ट क्लास अभी नहीं है वहां जुलाई तक प्रबंध हो जाएगा। इन्हीं बदलावों की वजह से अभिभावक सरकारी स्कूलों में बच्चों को भेजने में रुचि लेने लगे हैं। प्रत्येक विद्यालय में शनिवार को नो बैग डे की तैयारी चल रही है। कुछ विकास खंड के चुनिंदा स्कूलों में प्रयोग के तौर पर शनिवार को बच्चे बिना बैग के बुलाए जा रहे हैं। इस दिन उन्हें गतिविधि आधारित शिक्षा दी जाती है।
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