457 प्रधानाध्यापकों/ प्रभारियों का रोका गया वेतन, सभी 13 ब्लाकों की समीक्षा में मिला कम नामांकन, पिछले सत्र के मुकाबले कम नामांकन वाले स्कूल जद में
फतेहपुर : 457 प्रधानाध्यापकों प्रभारियों का रोका गया वेतन, सभी 13 ब्लाकों की समीक्षा में मिला कम नामांकन, पिछले सत्र के मुकाबले कम नामांकन वाले स्कूल जद में, किताबें नहीं आईं किसका रोकेंगे वेतन, शिक्षक व जागरूक अभिभावक उठा रहे सवाल
फतेहपुर : बीते अप्रैल में स्कूल चलो अभियान के दौरान पिछले सत्र के मुकाबले नामांकन करने में विफल रहने वाले जिले के सभी ब्लाकों में करीब 457 हेड व इंचार्ज हेड का वेतन बीएसए ने अवरूद्ध कर दिया है। ब्लॉक की नामांकन समीक्षा के दौरान बीएसए ने जिन विद्यालयों में 30 सितंबर 2021 की तुलना में नामांकन कम पाया, उन विद्यालयों के हेडमास्टरों व इंचार्ज का वेतन रोक दिया।
स्कूल चलो अभियान के दौरान प्रत्येक जिले, ब्लॉक व स्कूल को नामांकन लक्ष्य दिया गया है। अप्रैल माह में इस लक्ष्य को पूरा करना था। 30 अप्रैल को बीईओ द्वारा दी गई रिपोर्ट की समीक्षा के दौरान बीएसए संजय कुशवाहा ने यह कार्रवाई की। देवमई के 37, हसवा में 77 समेत अन्य सभी ब्लाकों के 457 प्रधानाध्यापक व प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। नामांकन प्रगति संतोषजनक न पाए जाने पर बीएसए का यह रूख देख दूसरे ब्लॉकों के शिक्षकों व अधिकारियों में बेचैनी का आलम है।
अप्रैल में ही नामांकन पर जोर क्यों: उधर शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बीते सालों में सितंबर तक प्रवेश प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है।
इस बार विभाग अप्रैल में ही मनमाना नामांकन लक्ष्य देकर शिक्षकों के शोषण पर आमादा है। वे तर्क देते हैं कि क्या मई, जुलाई, अगस्त व सितंबर में प्रवेश नहीं होने हैं। अप्रैल में महुआ बिनाई व गेहूं कटाई जैसे कार्यों में व्यस्त रहने के कारण तमाम अभिभावक अपने बच्चों का प्रवेश नहीं करा पाए। हाउस होल्ड सर्वे के दौरान मिले बच्चों के प्रवेश के लिए अभिभावकों को ही सूचनाएं देनी पड़ती हैं।
एक की कमी पर भी रोक दिया वेतन: देवमई ब्लॉक की समीक्षा के दौरान बीएसए ने उन हेड व इंचार्ज का भी वेतन रोक दिया है जिनके नामांकन में पिछले सत्र के मुकाबले एक, दो, तीन या चार बच्चों की कमी थी। बीएसए के इस रूख से शिक्षकों में रोष है।
तो पूरे स्टाफ का रूकेगा वेतन:
बीएसए ने चेतावनी दी है कि यदि आगामी पांच मई तक नामांकन की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई जाती तो इन विद्यालयों के सभी शिक्षकों का वेतन अवरूद्ध कर दिया जाएगा। उधर शिक्षकों का यह भी कहना है कि प्रेरणा पोर्टल व डीबीटी ऐप में पंजीकरण के समय तमाम तकनीकी खामियां आ रही हैं। शिक्षक इनसे जूझ रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
किताबें नहीं आईं किसका रोकेंगे वेतन
शिक्षक व जागरूक अभिभावक सवाल उठा रहे हैं कि नए सत्र को एक माह बीत गया लेकिन अब तक स्कूलों में किताबें नहीं आई हैं। इस भारी कमी पर विभाग किसका वेतन रोकेगा, किस पर कार्रवाई होगी।
गत वर्ष से बीस फीसदी अधिक का नामांकन कराने का लक्ष्य दिया गया था, बड़ी संख्या में विद्यालयों ने लक्ष्य को पूरा कर लिया हैं, लेकिन 457 से अधिक विद्यालयों में गतवर्ष के सापेक्ष भी नामांकन नहीं किया गया है। इन सभी प्रधानाध्यापकों और प्रभारियों का वेतन रोकते हुए लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। संजय कुशवाहा, बीएसए
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