बेसिक शिक्षा के लिए बजट: यूनिफॉर्म और मध्याह्न भोजन के लिए करीब 4 हजार करोड़ की व्यवस्था
यूपी के बजट में कक्षा-1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं के लिए निशुल्क यूनिफॅार्म, स्वेटर, स्कूल बैग व जूता-मोजा के लिए 370 करोड़ रुपये और मध्याह्न भोजन योजना के लिए 3548.93 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। साथ ही फल वितरण के लिए 166.71 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी प्रस्तावित की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2021 (नाबार्ड पोषित) के तहत परिषदीय विद्यालयों को उच्चीकृत किए जाने व स्मार्ट क्लास की स्थापना के लिए एक लाख रुपये की टोकन मनी और समग्र शिक्षा अभियान के लिए 18,670 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
रसोइयों की ड्रेस के लिए दस करोड़
मध्याह्न भोजन में लगे रसोइयों के लिए ड्रेस की व्यवस्था के लिए सरकार ने दस करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की है।
माध्यमिक शिक्षा
संस्कृत पाठशालाओं के अनुदान के लिए 324.41 करोड़ रुपये व सैनिक स्कूलों के संचालन के लिए 98.38 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। निर्माण व अवस्थापना विकास के कार्यों के लिए बजट में 836.80 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में सभाकक्ष व कक्षों के निर्माण के लिए एक करोड़ व निदेशक के जर्जर आवास व संलग्न कार्यालय कक्षों के जीर्णोद्धार के लिए दो करोड़ की व्यवस्था की गई है।
राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज के लिए खर्च होंगे दस करोड़
प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज की स्थापना के लिए सरकार ने बजट में 10 करोड़ का प्रावधान किया है। निर्माणाधीन राजकीय महाविद्यालयों के भवनों को पूरा करने के लिए 200 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है। ये महाविद्यालय सभी जिलों में स्थापित कराए जा रहे हैं। असेवित मंडलों में राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए 10 लाख रुपये की टोकन मनी और राजकीय महाविद्यालयों में खेलकूद इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1.72 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वहीं, उच्च शिक्षा निदेशालय में ई-कंटेंट रिकॉर्डिंग स्टूडियो निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। छात्रों को मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विवि वाराणसी में स्थापित किए जा रहे ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के लिए 1.16 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास: 31 नए आईटीआई पीपीपी मॉडल पर चलेंगे
विभिन्न जिलों में स्थापित नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से 31 को पीपीपी मॉडल पर संचालित करने का लक्ष्य है। वहीं उप्र कौशल विकास मिशन चालू वित्त वर्ष में 2 लाख युवाओं को पंजीकृत कर प्रशिक्षित करेगा।
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