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69000 शिक्षक भर्ती मामला : पुन: उसी पद पर आवेदन से नहीं रोक सकती सरकार यह था मामला



इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पहले से सहायक अध्यापक के पद पर कार्य कर रहे अभ्यर्थियों को दोबारा इसी पद पर आवेदन करने और चयनित होने का अधिकार है। ऐसा करके अभ्यर्थी अपने अंक बढ़ा सकते हैं और अपनी पसंद के जिले में नियुक्ति पा सकते है। उनको इस अधिकार का उपयोग करने से रोका नहीं जा सकता है। कोर्ट ने इस संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा एकल न्याय पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अपील खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है।इससे पूर्व एकल न्याय पीठ ने अभ्यर्थियों की याचिका स्वीकार करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा जारी 4 दिसंबर 2020 के शासनादेश के पैरा पांच एक को असंवैधानिक मनमाना और अधिकार क्षेत्र से बाहर का करार देते हुए रद्द कर दिया था। इस शासनादेश द्वारा प्रदेश सरकार ने ऐसे अभ्यर्थियों को 69000 सहायक अध्यापक पद के लिए चयनित होने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया था जो पहले से ही सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। खंडपीठ ने कहा कि सरकार पहले से कार्यरत सहायक अध्यापकों को दोबारा उसी पद पर आवेदन करने से रोक नहीं सकती है।

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