माध्यमिक कालेजों के तदर्थ शिक्षकों को दोहरा झटका, चयन परीक्षा में असफल व प्रतिभाग न करने वाले तदर्थ शिक्षक भी नहीं होंगे विनियमित
लखनऊ : 4512 अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक कालेजों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को दोहरा झटका लगा है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि सात दिसंबर 2021 को कराई गई परीक्षा में अनुत्तीर्ण या शामिल न होने वाले तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं, 30 दिसंबर 2000 से पहले से नियुक्त शिक्षकों को विनियमित करने के लिए वित्त व न्याय विभाग की सहमति नहीं है।
एडेड माध्यमिक कालेजों में तैनात तदर्थ शिक्षकों का मुद्दा इन दिनों सतह पर है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र की ओर से कराई गई लिखित परीक्षा में गिने-चुने तदर्थ शिक्षकों को नियुक्ति मिल सकी है। बड़ी संख्या में शिक्षकों को वेटेज अंक नहीं मिले या परीक्षा उत्तीर्ण न कर पाने से वे बाहर हो गए। अब तदर्थ शिक्षकों का वेतन जिला विद्यालय निरीक्षक रोक रहे हैं। इससे गुस्साए प्रदेश भर के तदर्थ शिक्षकों ने मंगलवार को राजधानी में शिक्षक विधायकों से मिलकर नाराजगी जताई। एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने तदर्थ शिक्षकों की समस्या मुख्यमंत्री को लिखकर भेजी तो एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने इस मुद्दे पर सवाल पूछे।
शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. सरिता तिवारी ने सदन में पूछे गए सवाल पर शासन को पत्र लिखा है, इसमें शिक्षकों को विनियमित करने में दी जा रही सहूलियत और तदर्थ शिक्षकों को भारांक आदि देने का उल्लेख किया गया है। निदेशक ने लिखा कि 26 अगस्त 2020 को शीर्ष कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश पर सात दिसंबर 2021 को लिखित परीक्षा कराई गई। इसमें असफल या परीक्षा में शामिल न होने वाले तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
यह भी लिखा है कि इस प्रकार के शिक्षकों को सेवा में बनाए रखना या वेतन देना भी सही नहीं होगा। इसी तरह से एडेड माध्यमिक विद्यालयों में 30 दिसंबर 2000 के पूर्व नियुक्त व इस समय कार्यरत ऐसे शिक्षक जो न्यायालय के अंतिम या अंतरिम आदेश से वेतन पा रहे हैं के विनियमितीकरण के संबंध में न्याय व वित्त विभाग ने सहमति नहीं दी है।
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