शिक्षक के स्थानांतरण पर रोक, कोर्ट ने मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक के दंड के रूप में किए गए तबादले पर रोक लगा दी है। साथ ही मामले में विपक्षी पक्ष से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की पीठ ने औरैया में तैनात शिक्षक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले में याची की ओर से कहा गया कि वह जिला औरैया के जूनियर बेसिक स्कूल में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। सेवा में बने रहने के बाद याचिकाकर्ता को जूनियर हाईस्कूल में सहायक शिक्षक के रूप में पदोन्नति दी गई। इस दौरान उसकेखिलाफ शिकायतें मिलने पर उसे दो बार निलंबित कर दिया गया। बाद में कुछ शर्तों को लागू करते हुए निलंबन आदेश को रद्द कर दिया गया है।
दिनांक 16 मार्च 2022 द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालय जैतपुरा समग्र विकास खंड औरैया से उच्च प्राथमिक विद्यालय सूरजपुर उमरैन विकास खंड एयरवा कटरा में स्थानांतरित कर दिया गया और उस पर जुर्माना लगाया गया। याची की ओर से कहा गया यह कानूनन गलत है। याची की ओर से इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस आदेश में कहा है कि सजा के बदले याचिकाकर्ता का स्थानांतरण पारित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट में सरकारी पक्ष के अधिवक्ता की ओर से कोई तथ्य प्रस्तुत नहीं किया जा सका। कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तिथि निर्धारित कर दी और स्थानांतरण केआदेश पर रोक लगा दिया।
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