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उपार्जित व प्रतिकर अवकाश को समझें


झांसी। डॉ रहबर सुल्तान जनसूचनाओं के द्वारा निरन्तर समाज एवं विशेषकर परिषदीय अध्यापकों को अनेक जानकारियों से अवगत ही नहीं करा रहे बल्कि भ्रांतियां भी दूर कर रहे हैं। इसी क्रम में उपार्जित अवकाश व प्रतिकर अवकाश के संबंध में जनसूचनाओं द्वारा प्राप्त जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। *डॉ० रहबर ने बताया कि परिषदीय शिक्षकों को हर वर्ष एक उपार्जित अवकाश देय

है जिसका अंकन सेवा पंजिका में होना चाहिए। * * ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान यदि परिषदीय अध्यापकों से कोई कार्य लिया जाता है तो उसके एवज में एक निश्चित फॉर्मूलें के तहत उपार्जित अवकाश मिलते हैं। इसके लिये समय समय पर आदेश जारी होते रहे हैं। देय अवकाश जिस फॉमूर्ले के अंतर्गत देय हैं उसके अनुसार 30 रोके गये दिनों की संख्या में 48 से भाग देकर उपार्जित अवकाशों की संख्या निकाली जाती है। जैसे वर्ष 2013 में ग्रीष्मकालीन अवकाश में 16 दिन हॉउस होल्ड सर्वे का कार्य हुआ था उसके एवज में नियमानुसार 10 उपार्जित अवकाश देने का आदेश दिया गया था। *



* प्रतिकर अवकाश अलग से कोई अवकाश नहीं है यह साप्ताहिक अवकाश या सार्वजनिक अवकाश के दिनों में बुलाये जाने के एवज में देय है। यह अराजपत्रित कर्मचारियों को ही मिलता है। कार्य करने के दिन से एक माह के भीतर इसे लिया जा सकता है। एक साथ दो से अधिक प्रतिकर अवकाश नहीं लिए जा सकते हैं। *


*यदि कोई कर्मचारी छुट्टी के दिन स्वेच्छा से कार्य निस्तारण हेतु जाता है तो उसे उक्त अवकाश देय नहीं होगा। जिन कार्यों के एवज में धनराशि का भुगतान होता है



उस स्थिति में प्रतिकर अवकाश देय नहीं है । * * इसे वही अधिकारी स्वीकृति देगा जो आकस्मिक अवकाश को स्वीकृति देता है। * यह पोस्ट शोसल मिडिया से है पूरी जानकारी के लिए अपने विभाग से जानकारी प्राप्त करे

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