परिषदीय स्कूल अब हरियाली और पर्यावरण संरक्षण का भी देंगे संदेश, सभी बीआरसी पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का निर्देश
विद्यालय देंगे पर्यावरण संरक्षण का संदेश
● स्कूलों में होंगे न्यूट्री गार्डन व हर्बल पार्क, आंवला का पौधा अनिवार्य
● छात्र-छात्राओं में बागवानी का शौक बढ़ाने के लिए हो रही कवायद
अध्यापक गोद लेंगे एक पौधा
बीएसए ने बताया कि हर अध्यापक को स्कूल में एक पौधा लगाने और उसे गोद लेकर देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। स्कूलों में केले का पौधा लगाने को कहा गया है। अगर पानी की समुचित व्यवस्था न हो या ऊसर जमीन हो तो आंवले का पौधा जरूर लगाया जाए। इसके अलावा सहजन और नींबू के पौधे भी लगाने को कहा गया है।
वाराणसी, परिषदीय स्कूल अब हरियाली और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देंगे। जिले के सरकारी स्कूलों के साथ सभी बीआरसी पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का निर्देश दिया गया है। स्कूलों में आंवला सहित कुछ पौधे अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्र के कुछ परिषदीय स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण के संबंध में काफी काम हुआ है। इनमें सेवापुरी ब्लॉक का गैरहां स्कूल भी है। यहां झरना और ज्वालामुखी के मॉडल के साथ औषधीय पौधों की क्यारियां बनाई गई हैं।
जिले के हर स्कूल को इसी मॉडल पर काम करना होगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने सभी स्कूलों और बीआरसी में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं। इसमें बारिश के पानी को एकत्र करने के लिए जगह के साथ एक सोक-पिट बनाना होगा जिसके जरिए पानी को दोबारा जमीन में भेजा जा सके। उन्होंने कहा कि कुछ विद्यालयों में जगह कम होने के कारण यह संभव नहीं मगर स्कूलों में सभी को अनिवार्य रूप से पौधे लगाने हैं।
बीएसए ने सभी स्कूलों को ‘न्यूट्री गार्डन’ बनवाने के निर्देश दिए हैं। इनमें फलों, सब्जियों और औषधीय गुणों वाले पौधे लगाए जाएंगे। इस गार्डन के जरिए बच्चों में बागवानी के शौक के साथ पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी आएगी। बच्चे अपने-अपने घरों में अभिभावकों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
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