हाई कोर्ट ने लगाई यूपीटीईटी के प्रमाणपत्र जारी करने पर रोक: राज्य सरकार से जवाब तलब हाई कोर्ट ने पूछा है कि एनसीटीई ने बीएड अभ्यर्थियों को लेकर क्या कोई नई अधिसूचना जारी की है
प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपीटीईटी 2021 के प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार से पूछा है कि बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक नियुक्त करने के संबंध में एनसीटीई ने कोई नई अधिसूचना जारी की है या नहीं। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने प्रतीक मिश्र व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख लगाई है।
कोर्ट ने पूछा है कि एनसीटीई की 26 अगस्त 2018 की अधिसूचना में बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक नियुक्त होने के लिए योग्य माना गया है, लेकिन राजस्थान हाई कोर्ट से यह अधिसूचना रद्द होने के बाद कोई नई अधिसूचना जारी की गई है या नहीं।
याचिका में टीईटी 2021 के प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक लगाने की मांग की गई है। इसके अलावा बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए नियुक्त किए जाने से रोकने की भी मांग की गई है। कहा गया है कि बीएड डिग्रीधारक पूर्व में प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक नियुक्त होने के लिए योग्य नहीं थे। बाद में एनसीटीई ने 26 अगस्त 2018 को अधिसूचना जारी कर कुछ योग्यता हासिल करने के बाद बीएड अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक नियुक्त होने के लिए योग्य करार दिया। अधिसूचना को राजस्थान हाई कोर्ट ने गैरकानूनी करार देते हुए रद्द कर दिया। याचियों ने प्रमाणपत्र वितरण पर रोक लगाने की मांग की है। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने स्वीकार किया कि अधिसूचना रद्द की जा चुकी है और यदि एनसीटीई ने नई अधिसूचना जारी की है तो उस पर विचार किया जाएगा।
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