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ग्राम सचिवालय में लगे कंप्यूटर से अब कामकाज अनिवार्य

सरकार गांवों में ग्राम सचिवालयों की स्थापना कराने के साथ ही कंप्यूटर व इंटरनेट सहित अन्य इंतजाम कर रही है। इसके बाद भी ग्राम पंचायत की विकास योजना बनाने से लेकर बिलों का भुगतान कराने के लिए साइबर कैफे, विकासखंड व जिलास्तर पर लगे कंप्यूटर सिस्टम का उपयोग हो रहा है। 

शासन ने इसे गंभीरता से लेकर ग्राम सचिवालयों में लगे कंप्यूटर सिस्टम से कामकाज को अनिवार्य किया है। अब एक जून से पंचायत संबंधित कार्यों की निगरानी होगी और गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।


प्रदेश की 58,189 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों की स्थापना तेजी से की जा रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर ई-स्वराज पर योजनाओं को अपलोड करने के लिए कंप्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था हो रही है। अब तक 46 हजार पंचायतों को ये संसाधन मिल चुके हैं, शेष को जल्द उपलब्ध होंगे। ग्राम सचिवालय पूरी सक्रियता के साथ कार्य कर सकें इसके लिए हर ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक की नियुक्ति की गई है। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत की विकास योजना यानी जीपीडीपी को अपलोड करने, वर्क आइडी जेनरेट करने, कराए गए कार्यों के बाउचर आदि फीड करने व भुगतान के लिए ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव के डिजिटल सिग्नेचर लगाने के लिए पंचायत सचिवालयों में व्यवस्था की गई है इधर शासन के संज्ञान में आया है कि इस व्यवस्था का उपयोग न करके साइबर कैफे, विकासखंड व जिलास्तर पर लगे कंप्यूटरों का उपयोग हो रहा है। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि जिन ग्राम सचिवालयों में कंप्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था हो चुकी है और पंचायत सहायक कार्यरत हैं वहां एक जून के बाद से सभी कार्य ग्राम सचिवालय में लगे कंप्यूटर सिस्टम से पंचायत सहायक करेंगे। सिंह ने पंचायतीराज निदेशालय स्तर पर तैनात कंसल्टेंट रत्नेश श्रीवास्तव, अभिषेक मल्ल और अक्षय पटेल को निर्देश दिया है कि वे एक जून के बाद जिन ग्राम पंचायतों में इस आदेश का अनुपालन नहीं हो उसकी सूचना देंगे।

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