जानिए कैसा रहा शिक्षा और रोजगार क्षेत्र के लिए यूपी का नया बजट, देखें कौन-कौन सी सौगातें मिली
उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार 26 मई, 2022 को विधानसभा में बजट, 2022 को पेश कर दिया है। राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में कुल 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इस बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए अहम घोषणाएं की गईं। वहीं, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र को भी कई अहम सौगातें मिली हैं। आइए जानते हैं शिक्षा और रोजगार के लिए कैसा रहा इस साल का बजट और इसमें कौन सी बड़ी घोषणाएं की गईं।
रोजगार क्षेत्र के लिए क्या है बजट में?
रोजगार क्षेत्र के लिए घोषणाएं करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में निजी निवेश के माध्यम से 01 करोड़ 81 लाख युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया। इसके साथ ही 60 लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया। बीते पांच सालों में राज्य में निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया से 4.50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। राज्य में जून, 2016 में बेरोजगारी दर 18 फीसदी थी जो अप्रैल, 2022 में घट कर 2.9 फीसदी रह गई है। बीते पांच सालों में कौशल विकास मिशन द्वारा 9.25 लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न कार्यक्रमों में प्रशिक्षित किया गया है। वहीं, 4.22 लाख युवाओं को विभिन्न कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया है।
क्या है लक्ष्य?
सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स उद्योग नीति के माध्यम से राज्य में आगामी 5 वर्षों में 40,000 करोड़ रूपये का निवेश और 04 लाख रोजगार के सृजन का लक्ष्य रखा गया है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा योजना के तहत 32 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्य मंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के माध्यम से वर्ष 2022-2023 में 800 इकाई की स्थापना कर के कुल 16000 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है।
माध्यमिक शिक्षा के तहत शिक्षक चयन में साक्षात्कार की प्रक्रिया को समाप्त कर के कुल 40,402 शिक्षकों का चयन किया गया है वहीं, 7540 नए पदों का सृजन किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए 10,000 नर्स के पद सृजित किये गये हैं। इन पर आगामी वर्षों में नियुक्ति दी जाएगी।
शिक्षा क्षेत्र के लिए क्या है सौगातें?
- शिक्षा क्षेत्र के लिए उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कई बड़ी घोषणाएं की। आइए इन्हें प्वाइंट्स में जानते हैं-:
- आगामी 05 वर्षों में 02 करोड़ स्मार्ट फोन / टैबलेट वितरित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए1500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- युवाओं के बीच उद्यमशीलता एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नयी उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020 के अन्तर्गत 05 वर्ष में प्रत्येक जनपद में कम से कम से एक तथा कुल 100 इन्क्यूबेटर्स एवं 10,000 स्टार्टअप्स की स्थापना का लक्ष्य है।
- प्रतियोगी छात्रों को अपने घर के समीप ही कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के लिए 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- जनपद वाराणसी में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना के लिये भूमि क्रय हेतु 95 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- खेल के विकास एवं उत्कृष्ट कोटि के खिलाड़ी तैयार करने हेतु जनपद मेरठ में मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय पर 700 करोड़ रूपये की धनराशि खर्च होगी।
- भारत सरकार की खेलो इण्डिया एक जनपद- एक खेल योजनान्तर्गत प्रदेश के 75 जनपदों में खेलों इण्डिया सेन्टर्स की स्थापना की जाएगी।
- प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा पीपीपी नीति घोषित की गयी है। इसमें निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जायेंगे।
- एमबीबीएस एवं पीजी पाठ्यक्रमों में सीटों में वृद्धि के लिए 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- नर्सिंग कॉलेज की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना हेतु 100 करोड़ 45 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- प्रदेश के 14 जनपदों में निर्माणाधीन नये मेडिकल कॉलेजों के लिए 2100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 113 करोड़ 52 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
बेसिक शिक्षा
- वर्ष 2022-2023 में परिषदीय विद्यालयों में स्कूल चलो अभियान के अन्तर्गत छात्र नामांकन का लक्ष्य 2 करोड़ रखा गया है। वर्तमान में यह आंकड़ा 1.66 करोड़ का है।
- समग्र शिक्षा अभियान हेतु 18,670 करोड़ 72 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- कक्षा एक से आठ तक के छात्रों के खाते में सीधे पैसे भेजने के लिए 370 करोड़ रूपये की प्रस्तावित की गई है।
माध्यमिक शिक्षा
- सैनिक स्कूलों के संचालन हेतु 98 करोड़ 38 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- संस्कृत पाठशालाओं को अनुदान हेतु 324 करोड़ 41 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 836 करोड़ 80 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
उच्च शिक्षा
- राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज की स्थापना हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण किये जाने हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- प्रदेश में 75 नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
- छात्रों को मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण देने के लिए संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया जाएगा। इसकी स्थापना के लिए 01 करोड़ 16 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
प्राविधिक शिक्षा
सरकार की वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी योजना के क्रम में छात्र / छात्राओं को सत्र 2022-2023 में न्यू एज ट्रेडस् के अन्तर्गत 04 पाठ्यक्रम - डाटा साइंस एवं मशीन लर्निंग, इण्टरनेट ऑफ थिग्स साइबर सेक्योरिटी और ड्रोन टेक्नोलाजी में शिक्षण प्रशिक्षण कराया जाएगा।
व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास
- प्रदेश के 04 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को मॉडल आईटीआई के रूप में विकसित किया जाएगा।
- विभिन्न जनपदों में स्थापित नवीन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से 31 को पीपीपी मॉडल पर संचालित किया जाएगा।
- उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा वर्ष 2022-2023 में 2 लाख युवाओं को पंजीकृत करते हुये प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
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