आरटीई के तहत इस साल भी प्रवेश से वंचित न रह जाएं हजारों छात्र
हर साल शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत हर साल बड़ी संख्या में बच्चे निजी स्कूलों में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग इन बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए हर बार ढिंढोरा भी पीटता है, बावजूद इसके सार्थक परिणाम देखने को नहीं मिलते। कारण है निजी स्कूलों का हठ और विभाग की हीलाहवाली।
पूर्व प्राथमिक या कक्षा एक में आनलाइन आवेदन की शुरुआत दो मार्च से हो गई है। पहले, दूसरे चरण के तहत आवेदन की तिथि बीत चुकी है। इस बार प्रवेश प्रक्रिया तीन चरणों में की जा रही है। आवेदन 666.13ी69.4स्र2ङ्घि.¬5.्रल्ल के माध्यम से लिए जा रहे हैं। बीएसए विजय प्रताप सिंह के मुताबिक सभी पात्र विद्यार्थियों को प्रवेश दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। जो स्कूल आरटीई के तहत बच्चों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
प्रवेश की स्थिति (आरटीई)
’ पहले चरण के तहत 30 मार्च को लाटरी हुई। इसमें कुल 14,679 आवेदन प्राप्त हुए। 659 अपात्र आवेदन मिले। वहीं 9,709 पात्र मिले। इनमें अभी तक 4311 को विद्यालय आवंटित नहीं हुए। महज 2,536 विद्यार्थियों को ही प्रवेश मिल सका। ’ दूसरे चरण की लाटरी 28 अप्रैल को हुई। इसमें 7,141 आवेदन आए। 412 अपात्र आवेदन मिले। जबकि 4,537 को पात्र पाया गया। 2,192 को विद्यालय आवंटित नहीं हो सका। दूसरे चरण में पात्र पाए एक भी बच्चे को दाखिला नहीं मिल सका।
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