राहत : उत्तर-पश्चिम भारत में 16 जून से बारिश के आसार
उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है। कुछ इलाकों में लू की स्थिति से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इस क्षेत्र में 16 और 17 जून को बारिश की भविष्यवाणी की थी।
मार्च, अप्रैल और मई से शुरू होने वाली गर्मी की लहरों की एक श्रृंखला के बाद, उत्तर पश्चिम भारत के अलग-अलग हिस्सों में जून में भी गर्मी की लहर का एक और दौर हो रहा है। रविवार को कुछ इलाकों में और दक्षिण हरियाणा के कई हिस्सों में लू चल रही थी। दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश, झारखंड, दक्षिण-पश्चिम बिहार और उत्तरी ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों में भी लू की स्थिति बनी रही। आईएमडी के पूवार्नुमान में कहा गया है कि अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है, जबकि अगले दो दिनों के दौरान पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना नहीं है। हालांकि, लगातार पश्चिमी विक्षोभ और निचले स्तर की पूर्वी हवाओं के प्रभाव में, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और आसपास के क्षेत्रों में गरज/बिजली के साथ छिटपुट वर्षा होने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान के मैदानी इलाकों में 15 जून तक छिटपुट वर्षा हो सकती है।
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में भारी वर्षा का अनुमान : इसके पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में व्यापक रूप से व्यापक वर्षा होने की संभावना है और 16 और 17 जून को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश में काफी व्यापक वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी के पूवार्नुमान में कहा है कि 16 जून को जम्मू, कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा में बारिश की संभावना है।
उत्तराखंड में तीन दिन भारी बारिश की चेतावनी: देहरादून। बुधवार से नैनीताल, चम्पावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जिलों में कहीं कहीं भारी बारिश, आंधी और आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ में हल्की बारिश की संभावना है। राज्य के मैदानी जिलों में अधिकतम तापमान 39 से 41 डिग्री सेल्सियस व पर्वतीय क्षेत्रों में 2000 मीटर तक के इलाकों में 28 से 30 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है।
बिहार : पूर्णिया के रास्ते मानसून ने दी दस्तक
पटना। मानसून पूर्णिया के रास्ते बिहार में समय से प्रवेश कर गया है। लगातार चौथे साल मानसून का आगमन समय पर हुआ है। सूबे में पूर्णिया के रास्ते मानसून के आगमन की मानक तिथि 13 जून है। अगले तीन से पांच दिनों में राज्य के अन्य हिस्सों में इसका प्रसार होगा। इस दौरान उत्तर और दक्षिण बिहार में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। पटना और गया में मानसून की पहली बारिश की तिथि 16 जून है, जबकि सारण में 18 जून को मानसून की पहली बारिश होती है।
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