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मदरसों में वैकल्पिक नहीं अनिवार्य होगी गणित और विज्ञान की पढ़ाई


वाराणसी। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने स्कूलों की तर्ज पर मदरसों में आधुनिक शिक्षा की कवायद शुरू कर दी है। वर्तमान सत्र से मदरसों में गणित, विज्ञान, नागरिक शास्त्र और इतिहास अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा।

मदरसों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है। इससे पहले मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ उर्दू, अंग्रेजी व हिंदी ही अनिवार्य थी। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड ने मदरसों में सात विषयों की पढ़ाई अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस सभी विषयों के प्रश्न पत्र 100 - 100 अंकों के होंगे।

परिषद ने मदरसों में कक्षा एक से 12 तक की कक्षाओं में प्रारंभिक गणित, नागरिक शास्त्र, प्रारंभिक विज्ञान व इतिहास को अनिवार्य कर दिया है। छात्र अब तीन के बजाय सात विषयों को अनिवार्य रूप से पढ़ेंगे। ये विषय पहले वैकल्पिक रूप से पढ़ाए जाते थे। अब स्थायी किए जाने से छात्रों को पढ़ाई करने में आसानी होगी। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद लखनऊ के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद का कहना है कि शहर में मदरसा शिक्षा परिषद से संचालित मदरसों की संख्या 56 हैं, जिसमें से 24 मदरसे अनुदानित हैं। मदरसों में पहले भी वैकल्पिक रूप से आधुनिक विषय पढ़ाए जा रहे थे। अब इन्हें अनिवार्य किया जा रहा है। इससे मदरसों में पढ़ने वाले छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।

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