अनुदानित-मान्यता प्राप्त मदरसों में अब कान्वेंट की तर्ज पर प्री-प्राईमरी कक्षाओं का संचालन
लखनऊ- :प्रदेश के अनुदानित-मान्यता प्राप्त मदरसों में अब कान्वेंट की तर्ज पर प्री-प्राईमरी कक्षाओं का संचालन करवाया जाएगा। किंडर गार्डेन की तरह मदरसों में बच्चों की प्रारम्भिक पढ़ाई के लिए शुरुआती दौर में 25 राज्य अनुदानित मदरसों को चिन्हित किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार को
अधिकृत किया गया है।यह फैसला बुधवार को परिषद की बैठक में लिया गया। चेयरमैन डा. इफ्तेखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश के मदरसों से पढ़ाई करके अच्छे पदों पर कार्यरत और समाज में प्रतिष्ठित मुकाम बनाने वाले पुरा छात्र-छात्राओं की मौजूदा जानकारी हासिल कर उसे सार्वजनिक किया जाए ताकि मौजूदा पीढ़ी को मदरसों की पढ़ाई कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जा सके।प्रदेश के अनुदानित और गैर अनुदानित सभी मदरसों में पढ़ाने वाली अध्यापिकाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ दिए जाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई कि मदरसा नियमावली-2016 में दी गई व्यवस्था के अनुसार मदरसा प्रबंधकों द्वारा प्रशासन योजना का अनुमोदन नहीं करवाया जा रहा है और इसके विपरीत शिक्षक-शिक्षणेत्तर कर्मचारियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। परिषद ने निर्णय लिया है कि जब तक मदरसे द्वारा अपनी प्रशासन योजना का अनुमोदन प्राप्त नहीं कर लिया जाता तब तक उन मदरसों की नई नियुक्तियों पर सहमति नहीं दी जाएगी।यह जानकारी मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि बैठक में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अनुरोध के क्रम में राज्य के मदरसों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का सर्वे और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करवाया जाएगा। इसके लिए शासन से अनुमति लेने के बाबत रजिस्ट्रार को अधिकृत किया गया है।
अधिकृत किया गया है।यह फैसला बुधवार को परिषद की बैठक में लिया गया। चेयरमैन डा. इफ्तेखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश के मदरसों से पढ़ाई करके अच्छे पदों पर कार्यरत और समाज में प्रतिष्ठित मुकाम बनाने वाले पुरा छात्र-छात्राओं की मौजूदा जानकारी हासिल कर उसे सार्वजनिक किया जाए ताकि मौजूदा पीढ़ी को मदरसों की पढ़ाई कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जा सके।प्रदेश के अनुदानित और गैर अनुदानित सभी मदरसों में पढ़ाने वाली अध्यापिकाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ दिए जाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई कि मदरसा नियमावली-2016 में दी गई व्यवस्था के अनुसार मदरसा प्रबंधकों द्वारा प्रशासन योजना का अनुमोदन नहीं करवाया जा रहा है और इसके विपरीत शिक्षक-शिक्षणेत्तर कर्मचारियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। परिषद ने निर्णय लिया है कि जब तक मदरसे द्वारा अपनी प्रशासन योजना का अनुमोदन प्राप्त नहीं कर लिया जाता तब तक उन मदरसों की नई नियुक्तियों पर सहमति नहीं दी जाएगी।यह जानकारी मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि बैठक में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अनुरोध के क्रम में राज्य के मदरसों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का सर्वे और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करवाया जाएगा। इसके लिए शासन से अनुमति लेने के बाबत रजिस्ट्रार को अधिकृत किया गया है।
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