बच्चों को प्रेरित करेगी पुरातन छात्रों की सफलता
भदोही: स्कूलों के पुरातन छात्र अब पढ़ने वाले बच्चों के मार्गदर्शक बनेंगे। उनकी सफलताएं पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी। शासन के निर्देश पर इंटरमीडिएट तक के स्कूलों में पुरातन छात्रों की सूची बननी शुरू हो गई है। बेसिक के 125 और माध्यमिक के 42 स्कूलों ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है। जुलाई से आईएएस, मंत्री, आईपीएस, पीसीएस, इंजीनियर, चिकित्सा के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले पुरातन छात्रों के नंबर, नाम स्कूलों में अंकित होंगे।
जिले में 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय हैं। इसमें 100 से अधिक विद्यालय ऐसे हैं जो डेढ़ से दो दशक पूर्व के हैं, जबकि 50 विद्यालय चार से पांच दशक पुराने हैं। ऐसे स्कूलों में पढ़ने वाले कई विद्यार्थी वर्तमान में उच्च पदों पर आसीन हैं। विद्यालयों में वर्तमान में अध्ययनरत बच्चों को प्रेरणा प्रदान करने के लिए शासन के निर्देश पर पुरातन छात्रों को स्कूलों से जोड़ने की मुहिम शुरू की गई है। वर्ष 2020 में इसकी शुरूआत की गई, लेकिन कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरी लहर के कारण अभियान की गति धीमी पड़ गई। हालांकि अब एक बार फिर शासन के निर्देश पर विभाग सक्रिय हो गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 125 विद्यालयों ने पुरातन छात्रों की सूची देने के लिए हामी भरी है। जिला विद्यालय निरीक्षक एनएल गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2021 में 42 स्कूलों से पुरातन छात्रों की सूची मांगी गई थी, हालांकि बाद में मामला ठंडा पड़ गया। अब फिर से पुरातन छात्रों की सूची लेकर परिषद को भेजी जाएगी। प्रभारी बीएसए रमाकांत सिंह का कहना है कि पुरातन छात्रों को विद्यालय में बुलाकर सम्मानित किए जाने से न केवल विद्यालय और समुदाय के बीच मजबूत रिश्ते को प्रदर्शित किया जा सकेगा, बल्कि समाज को परिषदीय स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था से जोड़ते हुए शैक्षिक उन्नयन भी होगा। बेसिक शिक्षा के 125 विद्यालय चिह्नित किए गए हैं। पुरातन छात्र मार्गदर्शन करने के साथ ही स्कूलों का भी सहयोग करेंगे।
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