मॉडल बनेंगे प्रदेश के पांच आश्रम पद्धति विद्यालय, ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए 1-1 करोड़ देगी सरकार
प्रदेश में पांच आश्रम पद्धति विद्यालय मॉडल के रूप में विकसित किए जाएंगे। इसका खाका तैयार कर लिया गया है। इन स्कूलों में जरूरी ढांचागत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सरकार 1-1 करोड़ रुपये देगी। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण की पहल पर हो रही इस कवायद के तहत कुछ फंड 'कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिविलटी (सीएसएआर)' से भी जुटाया जाएगा।
समाज कल्याण विभाग ने गोरखपुर, रामपुर, झांसी, अयोध्या और प्रयागराज के आश्रम पद्धति विद्यालयों का चयन पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों को रहने खाने, ड्रेस व कॉपी-किताब की सुविधाएं दी जाती हैं। लेकिन व्यवस्थाएं उतनी चुस्त-दुरुस्त नहीं है, जितनी मौजूदा प्रतियोगी माहौल के हिसाब से होनी चाहिए। इन स्कूलों में सुविधाओं के विकास के लिए कॉरपोरेट समूहों से भी बात हो गई है।
पांचों स्कूलों में इस तरह बढ़ेंगी सुविधाएं
■ मानक के अनुसार पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती।
■ परिसर में इनंटरनेट के साथ स्मार्ट क्लास की व्यवस्था होगी, विद्यार्थी कंप्यूटर और प्रोजेक्टर से जुड़े स्मार्ट बोर्ड पर पढ़ाई कर सकेंगे।
■ विद्यार्थियों को बैठने के लिए सुविधाजनक कुर्सियां होंगी।
■ विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार बच्चों को विभिन्न प्रकार का पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाए। देश के अलग-अलग हिस्सों के व्यंजनों से भी उन्हें परिचित कराया जाएगा।
■खेल शिक्षकों की तैनाती होगी। बच्चों को कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट, बास्केटबाल, फुटबाल, सेपकटाकरा आदि खेलों का प्रशिक्षण देने के साथ खेल किट भी दी जाएगी।
■कक्षा में पढ़ाई के साथ ही साथ होमवर्क और खेल गतिविधियों के लिए समय निश्चित होगा।
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