बेहतरीन ! इस जनपद के कंपोजिट स्कूल में 680 बच्चों ने लिया प्रवेश ,जबकि महज इतनी है शिक्षकों की संख्या
पीलीभीत जिले के कंपोजिट स्कूल पकड़िया नौगवां में इस बार अभी तक 680 बच्चों ने दाखिला लिया है और प्रक्रिया अभी भी चल रही है. हैरानी की बात ये है कि यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ 10 शिक्षकों की तैनाती है. जबकि मिड-डे मील में ही बच्चों की पढ़ाई के कई घंटे खर्च हो जाते हैं.
यूपी के पीलीभीत में एक ओर जहां कुछ विद्यालयों ने अपनी शिक्षा गुणवत्ता और अभिनव प्रयोगों से मिसाल कायम की है. वहीं, कई विद्यालय ऐसे भी हैं जहां बच्चों की संख्या जरूरत से अधिक है और शिक्षक सिर्फ नाम मात्र. एक ऐसा ही मामला पीलीभीत से सटे नौगवां इलाके का है.
दरअसल नौगवां स्थित कंपोजिट स्कूल पकड़िया नौगवां शिक्षा खंड ललौरीखेड़ा के अन्तर्गत आता है. स्कूल में इस साल अभी तक 680 बच्चों ने दाखिला लिया है और प्रक्रिया अभी भी चल रही है. हालांकि उन्हें पढ़ाने के लिए कुल 10 शिक्षकों की तैनाती है. दरअसल नौगवां क्षेत्र एक घनी आबादी वाला इलाका है. वहीं, इलाके के ही इस्लाम नगर में कोई भी परिषदीय विद्यालय नहीं है. ऐसे में अधिकतम बच्चे इस कंपोजिट स्कूल में दाखिला लेते हैं. यही कारण है कि इस सत्र में यह संख्या 680 पहुंच गई है.
इस विद्यालय में अभी तक हुए एडमिशन की संख्या 680 है, जिसमें अकेले कक्षा 1 में कुल 149 विद्यार्थी हैं. वहीं कक्षा 2 में 87 , कक्षा 3 में 71 , कक्षा 4 में 88, कक्षा 5 में 79 , कक्षा 6 में 73 , कक्षा 7 में 70 व कक्षा 8 में 63 बच्चे शामिल हैं. अभी भी एडमिशन की प्रक्रिया जारी है. ऐसे में एक क्लास में इतनी अधिक संख्या होने से बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं कक्षाओं में बच्चे भीषण गर्मी से जूझते नजर आते हैं.
अगर गुणवत्ता की बात करें तो औसतन 30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन इस स्कूल में स्थिति काफी बदतर है. यहां 680 बच्चों को पढ़ाने के लिए कुल 10 ही शिक्षक बचे हैं, जिसमें भी 2 शिक्षामित्र व 3 अनुदेशक शामिल है. पहले यह संख्या कुल 12 थी, लेकिन 2 सहायक अध्यापकों को किसी दूसरे विद्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. ऐसे में इतने अधिक बच्चों को गुणवत्ता के साथ शिक्षा देना शिक्षकों के लिए भी बड़ी चुनौती है.
मिड-डे मील में लग जाते हैं कई घंटे: परिषदीय स्कूलों में बच्चों के पढ़ने का समय सुबह 7.30 बजे से 12.30 बजे तक निर्धारित है. वहीं बच्चों के बेहतर पोषण के लिए उन्हें मिड-डे मील खिलाने का समय सुबह 10.30 बजे से 11.00 बजे तक है. अगर पकड़िया नौगवां के कंपोजिट स्कूल की बात की जाए तो यहां रोजाना कुल 680 बच्चों में से औसतन 450-500 बच्चे उपस्थित रहते हैं. इतने बच्चों को एक परिसर में भोजन कराने में खासा समय लगता है. ऐसे में अकेले मिड-डे मील में ही बच्चों की पढ़ाई के कई घंटे खर्च हो जाते हैं. वहीं, बीएसए अमित कुमार सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है, जल्द जानकारी कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे
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