विद्यालयों के शौचालय बने हाथी दांत, जाने पूरा मामला
विद्यालयों के शौचालय बने हाथी दांत
बलरामपुर। एक तरफ अभियान चलाकर परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प करने का दावा बेसिक शिक्षा महकमा कर रहा है। वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत से बनाए गए ऑपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों के शौचालय का बुरा हाल है। मानक विहीन सामग्री एवं बजट का बंदरबांट होने से अधिकांश स्कूलों के शौचालय निष्प्रयोज्य है। कहीं पर वाटर सप्लाई नहीं है तो कहीं पर संचालन होने के पूर्व ही टायल्स टूट गए हैं।
अधिकांश शौचालय का हाल वाटर सप्लाई न होने के कारण निष्प्रयोज्य वन कर हाथी दांत साबित हो रहे हैं। हिंदुस्तान में परिषदीय विद्यालयों का पड़ताल किया तो शौचालय निर्माण में व्यापक पैमाने पर कमियां उजागर हुईं। सक्रिय शौचालय न होने से महिला अध्यापकों सहित बेटियों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
प्राथमिक विद्यालय टेढ़ी बाजार में नगर पालिका परिषद से हाल ही में छह लाख तीस हजार रुपए का शौचालय निर्माण कराने की बात कही गई है। निर्माण में मानक की अनदेखी के साथ पानी सप्लाई न होने से लाखों की लागत से बना शौचालय हाथी दांत बनकर विभागीय निष्क्रियता को मुंह चिढ़ा रहा है। शौचालय सक्रिय न होने से शिक्षक शिक्षिकाओं व बच्चों को काफी सुविधाओं का सामना करना पड़ता है। विद्यालय प्रधानाध्यापक आलोक पांडेय ने बताया कि शौचालय में पानी सप्लाई के लिए नगर पालिका को कई बार अवगत कराया गया।
लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक कार्य नहीं हो सकी है। विद्यालय में 123 छात्रों के सापेक्ष 73 उपस्थित मिले। शिक्षामित्र चित्र शुक्ला के साथ रसोईया बच्चों को खाना खिलाती मिली।
प्राथमिक विद्यालय बलुहा: नगर क्षेत्र में संचालित प्राथमिक विद्यालय बलुहा की हालत दयनीय है। टीन शेड जर्जर भवन के नीचे बच्चे पढ़ाई करते मिले। विद्यालय में शौचालय झाड़ झंकार से पटा मिला। विद्यालय में शिक्षक की तैनाती न होने से प्राथमिक विद्यालय टेढ़ी बाजार के प्रधानाध्यापक आलोक पांडेय को प्रभार दिया गया है। शिक्षामित्र फजलुर्रहमान मेकरानी के सहारे विद्यालय चल रहा है। विद्यालय में 117 के सापेक्ष 70 बच्चे उपस्थित मिले। रसोईया लक्ष्मी देवी व सावित्री बच्चों को खाना खिलाती मिलीं।
प्राथमिक विद्यालय पटियाला ग्रन्ट: शिक्षा क्षेत्र श्रीदत्तगंज के प्राथमिक विद्यालय पटियाला ग्रिंट में दो साल के अंदर निर्माण कराया गया ऑपरेशन कायाकल्प से शौचालय ध्वस्त हो चुका है। बनने के बाद से कभी प्रयोग में नहीं रहा है। टाइल्स टूट गए हैं। वाटर सप्लाई शौचालय नहीं होने से निष्क्रिय बना हुआ है। सहायक अध्यापक देव कुमार मिश्रा ने बताया कि शौचालय सक्रिय न होने से महिला अध्यापिकाओं सहित बेटियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। विद्यालय में 110 छात्रों में 35 उपस्थित मिले। इंचार्ज प्रधानाध्यापिका नेहा वर्मा सीएल पर होनी पाई गई।
कमपोजिट स्कूल कटार सिंह पूरब टोला: विद्यालय में करीब दो माह पूर्व से लाखों की लागत से नगर पालिका की ओर से मानक विहीन शौचालय आधा अधूरा बना कर छोड़ दिया गया है। शौचालय में प्रयुक्त सीट एवं साइज मानक विहीन बना कर छोड़ दिया गया है।
बजट निर्गत होने के बाद भी कार्रवाई संस्था ने आधा कार्य अधूरा छोड़ दिया है, शिकायत नगर पालिका अधिशासी अधिकारी से प्रधानाध्यापिका पूर्व में कर चुकी हैं, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हो सका। विद्यालय में 188 के सापेक्ष 90 बच्चे अध्ययनरत मिले।
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