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तदर्थ शिक्षकों के वेतन सूचना से सुलझेंगे कई प्रकरण


कई विभागों में तबादले से लेकर अन्य गड़बड़ियों पर शासन के सख्त रुख के बीच अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों को हाई कोर्ट के आदेश पर दिए जा रहे वेतन के संबंध में मांगी गई सूचना ने खतरे की नई घंटी बजा दी है।


तदर्थ शिक्षक जहां कार्यरत थे, वहीं विनियमित किए जाने की मांग कर रहे थे। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने सभी को वर्ष 2021 की प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) भर्ती परीक्षा में शामिल होने का आदेश देकर नया संकट खड़ा कर दिया था। अक्टूबर 2021 में यह भर्ती पूरी होने के साथ तदर्थ शिक्षकों की व्यवस्था खत्म हो गई।

अब अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. महेंद्र देव ने हाई कोर्ट के आदेश पर वेतन पा रहे तदर्थ शिक्षकों की सूचना के साथ कई और जानकारियां मांग कर नई चर्चा को जन्म दे दिया है। अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए टीजीटी व पोजीटी परीक्षा के माध्यम से सहायक अध्यापक एवं प्रवक्ता पद पर अभ्यर्थियों को चयनित कर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड विद्यालय आवंटित किया था। इसके बाद कई जिलों में प्रबंधतंत्र ने पद का अधियाचन भेजने के बावजूद कुछ चयनितों को कार्यभार ग्रहण नहीं कराया। ऐसे एक मामले में उन्नाव की एक चयनित को मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश के बाद कार्यभार ग्रहण कराया गया। इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए, अपर शिक्षा निर्देशक माध्यमिक ने नियुक्ति न पाने वाले चयनितों शिक्षकों से प्रत्यावेदन मांगा था। इस प्रक्रिया के बीच कई जनपदों के जिला विद्यालय निरीक्षकों ने विद्यालय प्रबंधतंत्र से वार्ता करके कई चयनितों को कार्यभार ग्रहण कराया। इसके बावजूद वंचित रह गए चयनितों के मामले को फिर गंभीरता से लिया गया है।

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