गुरुजी के नहीं आने पर भी चलेंगी कक्षाएं
प्रयागराज, स्मार्ट सिटी प्रयागराज के सरकारी स्कूल भी स्मार्ट होने लगे हैं। स्मार्ट सिटी योजना के तहत दूसरे चरण में शहर के 11 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों और एक राजकीय विद्यालय की 245 कक्षाओं को स्मार्ट क्लास के रूप में परिवर्तित किया गया है। खास बात यह है कि ये सभी स्कूल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
यदि किसी स्कूल में किसी विषय के शिक्षक नहीं आते तो वहां के बच्चों को दूसरे स्कूल की उसी कक्षा से ऑनलाइन जोड़ दिया जाएगा। प्रत्येक स्मार्ट क्लास में इंटरएक्टिव बोर्ड (डिजिटल बोर्ड), प्रोजेक्टर, स्पीकर, बुलेट कैमरा व पॉवर बैकअप के लिए यूपीएस लगाए गए हैं। शिक्षक डिजिटल बोर्ड में उपलब्ध लाइब्रेरी और क्लाउड टूल का उपयोग करके चित्र तथा वीडियो को आसानी से प्राप्त कर शिक्षण कार्य को और रोचक बना सकते हैं।
कक्षा में जो भी पढ़ाया जा रहा है उसकी अपने आप पीपीटी स्लाइड, सीएनएक्स और पीएनजी फाइल भी बनती जाती है जिसकी सहायता से अनुपस्थित छात्र बाद में पढ़ सकते हैं। क्लासरूम की मॉनीटरिंग के लिए प्रधानाचार्य के कक्ष में मॉनीटर लगाया गया है।
सभी स्कूलों का मुख्य सर्वर केपी इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य डॉ. योगेन्द्र सिंह के कक्ष में स्थापित किया गया है। स्मार्ट स्कूलों का काम कर रहे संजय कुमार सिंह के अनुसार ये स्कूल इंटीग्रेटेड कंट्रोल और कमांड सेंटर (आईट्रिपलसी) से भी जोड़े जाएंगे। ये स्कूल प्रदेश के दूसरे शहरों के स्मार्ट स्कूलों से भी लाइव जुड़ सकेंगे।
किन स्कूलों में स्मार्ट क्लास
केपी इंटर कॉलेज, सीएवी, मजीदिया इस्लामिया, कर्नलगंज, जमुना क्रिश्चियन, मेरी वानामेकर, महिला ग्राम, क्रास्थवेट, महिला सेवा सदन, डीपी गर्ल्स और एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज के अलावा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज फाफामऊ में स्मार्ट क्लास स्थापित की गई है।
पहले चरण में आठ स्कूल बने थे स्मार्ट
स्मार्ट सिटी योजना के तहत पहले चरण में आठ स्कूलों को लिया गया था। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सिविल लाइंस व कटरा, राजकीय इंटर कॉलेज, भारत स्काउट एवं गाइड इंटर कॉलेज, प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय राजापुर, लूकरगंज, एलनगंज व हरवारा में स्मार्ट कक्षाएं लगाई गईं थी।
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