मिसाल बनी शिक्षिका, तबादला होने के बाद भी शिक्षिका ने अपने पुराने स्कूल को दिया फर्नीचर, हो रही चारों तरफ सराहना
पीलीभीत: गुरु का लगाव शिष्यों से ऐसा होता है जिसे जीवनभर भुलाया नहीं जाता। गांव प्रसादपुर के प्राथमिक स्कूल में पांच-छह साल बच्चों को पढ़ाने वाली शिक्षिका मोनिका भारद्वाज का 2020 में अपने गृह जनपद मेरठ में तबादला हो गया लेकिन उनका स्कूल से लगाव बना रहा। शुक्रवार को उन्होंने स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर दिया। इसकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों में सराहना होती देखी जा रही है।
बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित परिषदीय स्कूलों में सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद कई व्यवस्थाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं। पूरनपुर बीआरसी क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में फर्नीचर न होने से बच्चों को चटाई पर बैठकर पढ़ाई-लिखाई करनी पड़ रही है। रंपुरा फकीरे न्याय पंचायत के गांव प्रसादपुर के प्राथमिक स्कूल में मोनिका भारद्वाज को वर्ष 2015 में तैनाती मिली। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान स्कूल की व्यवस्थाओं को सुधारने में अपनी जेब से भी रुपए खर्च किए। बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता पर बेहद ध्यान दिया। 2020 में अंतरजनपदीय तबादला में उनका स्थानांतरण मेरठ के सरकारी स्कूल में हो गया। इसके बावजूद उनका प्रसादपुर के स्कूल और बच्चों से लगाव जुड़ा रहा। फोन करके हालचाल पूछती रही। शुक्रवार को वह पूर्व तैनाती वाले स्कूल में 50 बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर लेकर पहुंची। इससे बच्चों में खुशी की लहर दौड़ गई। शिक्षिका मोनिका ने बताया कि चटाई पर पढ़ाई-लिखाई करने से बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनकी सुविधा के लिए फर्नीचर उपलब्ध कराया है। शिक्षिका के इस कार्य की सराहना हो रही है। फर्नीचर देने के मौके पर बीईओ विजय वीरेंद्र सिंह, शिक्षक संकुल नोडल शिक्षक रईस अहमद, विवेक जायसवाल, महेश कुशवाहा, राजाराम, प्रीति वर्मा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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