एक करोड़ छात्र-छात्राओं की बनी ई-मेल आईडी
यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त 27,735 स्कूलों के एक करोड़ से अधिक बच्चों की ई-मेल आईडी बनवाने के साथ माध्यमिक शिक्षा विभाग ने डिजिटल साक्षरता की ओर बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री की 100 दिन की कार्ययोजना में कक्षा नौ से 12 तक के 1.10 करोड़ छात्र-छात्राओं की ई-मेल आईडी बनवाने का लक्ष्य यूपी बोर्ड को दिया गया था।
चार जुलाई तक एक करोड़ 75 हजार बच्चों की आईडी बन गई थी। मई-जून में स्कूल बंद होने के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में आईडी बनवाना बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। 18 जिले ऐसे हैं जहां शत-प्रतिशत आईडी बन चुकी है। इन जिलों में गाजियाबाद, मुरादाबाद, मथुरा, बागपत, अयोध्या, बांदा, बिजनौर, जालौन, झांसी, कासगंज, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, मैनपुरी, मुजफ्फरनगर, रामपुर, सहारनपुर, सिद्धार्थनगर और हाथरस शामिल हैं। सबसे खराब रिपोर्ट कुशीनगर की है जहां 2,29,138 विद्यार्थियों में से 1,52,461 (66.54 ) की आईडी बन सकी है। उसके बाद औरैया के 89036 बच्चों में से 69534 (78.10 ), जबकि तीसरे नंबर पर लखनऊ के 1,96,211 विद्यार्थियों में से 1,53,462 (78.21 ) बच्चों की ई-मेल आईडी बन चुकी है। प्रयागराज 50वें नंबर पर है जिसके 3,94,388 छात्र-छात्राओं में से 3,53,050 (89.52 ) बच्चों की आईडी बनी है।
मददगार होगा डिजिटल ज्ञान
यूपी बोर्ड के बच्चों के लिए डिजिटल साक्षरता कॅरियर संवारने में मददगार होगी। आजकल सभी फॉर्म ऑनलाइन भरे जाते हैं। उनकी ओटीपी और दूसरी सूचनाएं ई-मेल पर ही आती है। खुद की आईडी होने से उन्हें साइबर कैफे वालों के आसरे नहीं रहना होगा।
आंकड़ों पर एक नजर
● 27,735 स्कूल हैं यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त
● 1,10,40,323 बच्चों की ई-मेल आईडी बननी है
● 1,00,75,119 बच्चों की आईडी अब तक बन चुकी
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त 27,735 स्कूलों के एक करोड़ से अधिक बच्चों की ई-मेल आईडी बनवाने के साथ माध्यमिक शिक्षा विभाग ने डिजिटल साक्षरता की ओर बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री की 100 दिन की कार्ययोजना में कक्षा नौ से 12 तक के 1.10 करोड़ छात्र-छात्राओं की ई-मेल आईडी बनवाने का लक्ष्य यूपी बोर्ड को दिया गया था।
चार जुलाई तक एक करोड़ 75 हजार बच्चों की आईडी बन गई थी। मई-जून में स्कूल बंद होने के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में आईडी बनवाना बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। 18 जिले ऐसे हैं जहां शत-प्रतिशत आईडी बन चुकी है। इन जिलों में गाजियाबाद, मुरादाबाद, मथुरा, बागपत, अयोध्या, बांदा, बिजनौर, जालौन, झांसी, कासगंज, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, मैनपुरी, मुजफ्फरनगर, रामपुर, सहारनपुर, सिद्धार्थनगर और हाथरस शामिल हैं। सबसे खराब रिपोर्ट कुशीनगर की है जहां 2,29,138 विद्यार्थियों में से 1,52,461 (66.54 ) की आईडी बन सकी है। उसके बाद औरैया के 89036 बच्चों में से 69534 (78.10 ), जबकि तीसरे नंबर पर लखनऊ के 1,96,211 विद्यार्थियों में से 1,53,462 (78.21 ) बच्चों की ई-मेल आईडी बन चुकी है। प्रयागराज 50वें नंबर पर है जिसके 3,94,388 छात्र-छात्राओं में से 3,53,050 (89.52 ) बच्चों की आईडी बनी है।
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