लिखकर दीजिए BSA साहब! कहीं सम्बद्ध नहीं हैं बेसिक शिक्षक, DGSE का फरमान ..
परिषदीय शिक्षकों के किसी भी प्रकार के अटैचमेंट पर बीएसए पर होगी कार्यवाही, प्रत्येक शिक्षक के मूल विद्यालय में कार्यरत होने का प्रमाण पत्र देने का आदेश जारी।
पढ़ाई छोड़ बाबूगिरी कर रहे परिषदीय शिक्षकों को तत्काल हटाने के निर्देश
अल्टीमेटम : परिषदीय शिक्षकों का विद्यालय से बाहर संबद्धीकरण करें खत्म वरना बीएसए पर कार्रवाई तय
लिखकर दीजिए BSA साहब! कहीं सम्बद्ध नहीं हैं बेसिक शिक्षक, DGSE का फरमान
कई सालों से अपना स्कूल छोड़कर बेसिक शिक्षा विभाग के ब्लॉक व जिला कार्यालयों में अंदरखाने योगदान देने वाले शिक्षकों को किसी भी दशा में अन्यत्र सम्बद्ध न किए जाने की कड़ी चेतावनी दी गई है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर यह प्रमाण पत्र देने के निर्देश दिए हैं कि जिले में कोई भी बेसिक शिक्षक अपने मूल विद्यालय के अतिरिक्त अन्य कहीं सम्बद्ध नहीं है।
सूत्र बताते हैं कि बीते कई सालों से लगभग प्रत्येक ब्लॉक में कुछ ऐसे शिक्षक हैं जो अपने मूल विद्यालय को छोड़कर बीआरसी में बाबूगिरी करते हैं। उनका काम सूचनाओं के आदान प्रदान से लेकर वेतन बिल बनाने तक हैं। स्कूल छोड़कर आने से शिक्षकों को स्कूल के मिनट टू मिनट शेड्यूल से राहत मिलती है तो वहीं वे अफसरों के चहेते बनकर दूसरे ‘काम’ भी कराते हैं। बीईओ बदलने के साथ कभी कभी शिक्षकों के चेहरे जरूर बदल जाते हैं लेकिन उनका काम वही रहता है। शासन व विभाग ने बीते सालों में भी किसी शिक्षक को अन्यत्र सम्बद्ध न करने की कड़ी हिदायत दी थी।
जब बाबू तो फिर शिक्षक क्यों बनाते बिल
बिडंबना यह है कि ब्लॉकों में बाबुओं की तैनाती होने के बावजूद शिक्षकों के वेतन बिल बनाने का काम शिक्षकों द्वारा किया जाता है। अफसरों की मूक सहमति से शिक्षक बाबूगिरी करते हैं और बाबू अपने मूल काम से दूर रहते हैं। वे बिल की जांचकर दस्तखत बनाते हैं। आने वाले दिनों में कार्य पोर्टल के जरिए ही किए जाएंगे।
लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक मूल विद्यालय से इतर स्कूल या कार्यालय से संबद्ध हैं, उनका संबद्धीकरण तत्काल खत्म करने का आदेश दिया गया है। सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से इस आशय का प्रमाणपत्र एक सप्ताह में मांगा गया है कि उनके जिले में कोई शिक्षक संबद्ध नहीं है। इसमें लापरवाही किए जाने पर बीएसए के विरुद्ध कार्रवाई होना तय है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बेसिक शिक्षा -अधिकारियों को सख्त पत्र भेजा है। इसमें लिखा है कि शिक्षकों को मूल विद्यालय से इतर स्कूल या कार्यालय से संबद्ध करने से प्रशासनिक व्यवस्था व पठन-पाठन पर प्रभाव पड़ता है। समीक्षा में सामने आया है कि आदेशों के बाद भी कई जिलों में शिक्षक अब भी संबद्ध हैं। ये शासकीय आदेशों का उल्लंघन है। उन्होंने सभी बीएसए को आदेश दिया है कि तत्काल सभी शिक्षकों का संबद्धीकरण खत्म करें।
लखनऊ : तैनाती वाले विद्यालय में पढ़ाने के बजाय बाबूगिरी या अन्य कार्य कर रहे शिक्षकों को मूल स्कूल में लौटना होगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने सभी बीएसए को निर्देश दिए हैं कि ऐसे सभी शिक्षकों का संबद्धीकरण तत्काल समाप्त किया जाए। उन्होंने सभी बीएसए से प्रमाणपत्र भी मांगा है कि उनके जिले में सभी शिक्षक मूल विद्यालय में ही कार्यरत हैं और कोई भी शिक्षक किसी अन्य कार्यालय या विद्यालय में संबद्ध नहीं है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने जारी आदेश में कहा है कि निर्देशों का पालन न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को मूल विद्यालय से हटाकर किसी कार्यालय या विद्यालय से संबद्ध करने से विभाग की प्रशासनिक व्यवस्था और मूल विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इसको देखते हुए पूर्व में संबद्धीकरण समाप्त करने के निर्देश दिए गए थे,
लेकिन समीक्षा में पता चला है कि कुछ जगह शिक्षकों को अब भी मूल विद्यालय से इतर संबद्ध किया गया है। ऐसा करना न केवल नियम विरुद्ध है, बल्कि शासकीय आदेशों का उल्लंघन भी है। उन्होंने सभी बीएसए को पत्र भेजकर ऐसे शिक्षकों का तत्काल संबद्धीकरण समाप्त कर सप्ताह भर में इस संबंध में प्रमाणपत्र देने के निर्देश दिए हैं।
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