बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में अयोध्या की रागिनी टॉपर, जिलेवार टॉपरों की सूची
रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया। परीक्षा परिणाम रुहेलखंड विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.mjpru.ac.in पर जारी किया गया है। अयोध्या की रागिनी यादव ने 359.666 अंक प्राप्त कर प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया है। कानपुर देहात की नीतू देवी ने 358 अंकों के साथ दूसरा और बलिया के अभय कुमार गुप्ता ने 349.333 अंकों के साथ तीसरा स्थान पाया है। तीनों प्रयागराज में रहकर तैयारी कर रहे हैं।
बरेली की नम्रता पाल ने जिला टाप किया है। रिजल्ट घोषित करते हुए रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो केपी सिंह ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने छह जुलाई को प्रदेश के सभी 75 जिलों में बीएड इंट्रेंस का आयोजन किया था। 667463 अभ्यर्थियों ने बीएड में आवेदन किया था। प्रथम प्रश्न पत्र में कुल 615602 अभ्यर्थी शामिल हुए। 269992 पुरुष और 345609 महिला अभ्यर्थी थे। द्वितीय प्रश्न पत्र में कुल 615778 अभ्यर्थी शामिल हुए, जिनमें 270052 पुरुष और 345726 महिला अभ्यर्थी शामिल थे। जौनपुर का एक ट्रांसजेंडर भी परीक्षा में शामिल हुआ। दोनों पेपर में 615021 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। बेटियां जहां आवेदन में आगे रहीं वहीं परिणाम में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। टॉप-10 के दस अभ्यर्थियों में से छह महिलाएं शामिल हैं। महिला अभ्यर्थियों के परसेंटाइल पुरुषों की तुलना में बहुत अच्छा रहा।
जिलेवार टॉपरों की सूची
स्टेट रैंक जिला अंक
1. रागिनी यादव अयोध्या 359.666
2. नीतू देवी प्रयागराज 358
3. अभय कुमार गुप्ता प्रयागराज 349.333
4. विश्वेंद्र सिंह आगरा 348
5. राधा पटेल वाराणसी 346.667
6. पूजा रानी अलीगढ़ 346.334
7. नंदिनी पटेल वाराणसी 344
8. संजीदा मलिक आगरा 342
9. परमानंद नागर जौनपुर 341.334
10. पवन कुमार अलीगढ़ 341.333
शीर्ष दस में रहा कला वर्ग का बोलबाला, विज्ञान गायब
बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा की स्टेट टॉप-10 टॉपर की सूची में कला वर्ग के अभ्यर्थियों का बोलबाला है। विज्ञान और कृषि के एक भी अभ्यर्थी ने टॉप-10 में जगह नहीं बनाई। कामर्स वर्ग के एक अभ्यर्थी को टॉप-10 में जगह मिली है। बीएड कर शिक्षक बनने का सपना साइंस, आर्ट, कामर्स और कृषि चारों ही वर्ग के अभ्यर्थी देखते हैं। चारों ही वर्ग के अभ्यर्थियों ने इंट्रेंस दिया भी मगर टॉप-10 में आर्ट का बोलबाला रहा। साइंस का एक भी छात्र टॉप-10 में नहीं होने पर विशेषज्ञों ने भी हैरानी जताई।
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