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नाव से स्कूल जाने को मजबूर बच्चे, घरों में घुसा पानी



कई प्रदेशों में बारिश से गंगा-यमुना और चंबल में दबाव, वाराणसी में गंगा उच्चतम बाढ़ बिंदु छूने की ओर, एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही गंगा
प्रयागराज / वाराणसी प्रदेश के कई हिस्सों में इस समय बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है। काशी, प्रयागराज में गंगा उफनाई हुई है और खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. जिसके चलते तमाम घर दूब गए हैं और फसलें चौपट हो गई है। नदियों के किनारे के क्षेत्र जलमग्न हैं।




खतरे के निशान पर बहती गंगा के बीच नाव पर सवार होकर बच्चे और शिक्षक शिक्षिकाएं पढ़ाई करने व कराने विद्यालय आते जाते हैं। बच्चे बाढ़ के पानी से उफनती गंगा के बीच से बिना डरे गुजरते हैं।

हालांकि प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर सोमवार को स्थिर हो गया है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, गंगा-यमुना का जलस्तर अब स्थिर हो गया है। वर्ष 2013 में आई बाढ़ के अधिकतम बिंदु से महज एक मीटर कम पर गंगा और यमुना बह रही हैं। अगर फिर से पानी बढ़ना शुरू हुआ तो व्यापक पैमाने पर आबादी बाढ़ की चपेट में आ जाएगी। प्रयागराज में सोमवार को गंगा का जलस्तर 86.08 और यमुना का 85.86 पहुंच गया है।

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