बर्खास्त अध्यापक बना रहा था फर्जी शिक्षक , कई जिलों को जारी हुए जाली नियुक्ति पत्र
झांसी। जनपद के तीन स्कूलों में पांच शिक्षकों को फर्जी नियुक्त पत्रों के सहारे नौकरी दिलाने के खेल का मास्टर माइंड प्रयागराज का एक बर्खास्त अध्यापक निकला। उसकी गिरफ्तारी के बाद पता चला कि उसने छह लोगों से 78 लाख रुपये की रकम ऐंठ कर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर दिए थे। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि बर्खास्त शिक्षक ने कई जिलों में फर्जी नियुक्ति पत्र भेजे हैं।
जनपद के वीरा, खडौरा व बम्हौरी सुहागी के राजकीय स्कूलों में फर्जी ढंग से हुई पांच शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में सोमवार को पुलिस ने फर्जीवाड़े की इस गैंग के दो सदस्यों आजमगढ़ के जीत नारायण मौर्या व कौशांबी के कैसर अब्बास रिजवी को गिरफ्तार किया था। मंगलवार को पुलिस ने फर्जीवाड़े के मास्टर माइंड प्रयागराज के थाना मउआइमा इलाके के ग्राम बहटा निवासी बजरंगी लाल को गिरफ्तार किया। पुलिस की जांच में सामने आया कि बजरंगी लाल ने 2013 में प्रयागराज के एक राजकीय स्कूल में फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षक पद नियुक्ति हासिल कर ली थी। दो सालों तक वह लगातार नौकरी करता भी रहा था। लेकिन, 2015 में वह पकड़ा गया था। इस पर माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा उसे बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद से उसके द्वारा फर्जी नियुक्ति दिलाने के रैकेट का संचालन किया जा रहा था। बीच में कई बार वह पुलिस के हत्थे भी चढ़ा। उस पर लखनऊ, भदोही, प्रतापगढ़ व प्रयागराज में धोखाधड़ी के छह मुकदमे दर्ज हैं। लेकिन, जेल से बाहर आने पर वह एक बार फिर से शिकार की तलाश में जुट जाता है। पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक में उसने फर्जीवाड़े का जाल फैला रखा है। माना जा रहा है कि उसके द्वारा जारी किए गए फर्जी नियुक्ति पत्रों के सहारे प्रदेश के कई जनपदों लोग स्कूलों में नौकरी कर रहे हैं। इसकी पड़ताल शुरू कर दी गइ है। गरौठा थाने के प्रभारी निरीक्षक ललितेश नारायण त्रिपाठी ने बताया कि रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की जाएगी।
अधिकारियों के बना लेता है फर्जी साइनझांसी। फर्जी ढंग से शिक्षकों की भर्ती के खेल के मास्टर माइंड बजरंगी लाल ने फर्जीवाड़े को अंजाम देने के बड़ा प्लान तैयार किया था। नियुक्ति पत्रों पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारी के फर्जी दस्तखत बनाए थे, जो असली से हूबहू मेल खाते थे। शिक्षा विभाग के कार्यालयों में यह नियुक्ति पत्र उसने प्रयागराज में निदेशालय के पास स्थित पोस्ट ऑफिस से पोस्ट किए थे, ताकि किसी को शक न हो। इसके अलावा सत्यापन के लिए विद्यालयों से निदेशालय गए पांच में से चार नियुक्ति पत्रों को उसने वहां पहुंचने नहीं दिया था। एक नियुक्ति पत्र के निदेशालय पहुंचने से फर्जीवाड़े के खेल का खुलासा हो गया। पुलिस की पूछताछ में आरोपी बजरंगी लाल ने बताया कि उसे नहीं पता था कि विभाग द्वारा नियुक्ति पत्रों का सत्यापन किया जाएगा। उसे जानकारी थी कि विभाग नियुक्ति पाने वालों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच करेगा, जो असली थे।फर्जीवाड़े की रकम से खरीदी प्रॉपर्टीझांसी। जनपद के चार स्कूलों में छह लोगों की शिक्षकों के पद पर तैनाती के लिए पकड़े गए आरोपी बजरंगी लाल ने 78 लाख रुपये की रकम वसूल की थी। यह रकम उसने पिछले दो साल के दरम्यान कई किस्तों में ऐंठी थी। इस पैसे से उसने प्रयागराज में बड़ी प्रॉपर्टी की खरीद की है। पुलिस अब इसकी जांच कर रही है।
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