बाल वाटिकाओं में प्री प्राइमरी की पढ़ाई ,स्कूलों की छुट्टी के बाद सीखेंगे कौशल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बुनियादी शिक्षा से व्यावसायिक शिक्षा को जोड़ने की बात है। इसके तहत प्रदेश के 37500 विद्यार्थियों को अगले पांच सालों में उनके मनचाहे ट्रेड में ट्रेनिंग दी जाएगी। स्कूल परिसर में छुट्टी के बाद गांव के इच्छुक विद्यार्थियों के बैच बना कर यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें स्कूल में नहीं पढ़ने वाले बच्चे भी भाग ले सकेंगे।
लखनऊ। यूपी में जल्द ही प्री-प्राइमरी के छोटे रंगीन फर्नीचर से लकदक सरकारी बाल वाटिकाएं दिखेंगी। प्रदेश के कम्पोजिट स्कूलों में 5625 मॉडल बाल वाटिकाएं बनाई जाएंगी। वर्ल्ड बैंक यूपी की बुनियादी शिक्षा को 4000 करोड़ रुपये की मदद करने जा रहा है।
राज्य सरकार और वर्ल्ड बैंक के बीच इस पर सहमति बन चुकी है। दो दिवसीय दौरे पर यूपी आई वर्ल्ड बैंक की टीम ने बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह से मुलाकात भी की। वर्ल्ड बैंक की मदद से होने वाले कामों की पूरी कार्ययोजना तैयार हो चुकी है।इसके तहत हर जिले में 75 कम्पोजिट स्कूलों का चयन किया जाएगा। यहां तीन से पांच-छह वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। इसके अलावा हर ब्लॉक में 3 यानी कुल 2640 स्कूल अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल भी विकसित किए जाएंगे। अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल की स्थापना अन्य कई निधियों से भी की जा रही है। कम्पोजिट स्कूल में प्री प्राइमरी से कक्षा आठ तक की शिक्षा दी जाएगी। 23621 जूनियर स्कूलों में स्मार्ट क्लास भी स्थापित की जाएंगी। वर्ल्ड बैंक से मिलने वाली मदद से शिक्षक भी डिजिटल रूप से समृद्ध होंगे
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