Header Ads

फॉर्म भरने में गलती राहत का आधार नहीं : हाईकोर्ट

 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि पीसीएस परीक्षा के आवेदन फॉर्म में दिए गए निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। फॉर्म भरने में अभ्यर्थी की ओर से की गई कोई गलती उसे राहत देने का आधार नहीं हो सकती। कोर्ट ने कहा कि उस अभ्यर्थी को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जिसने निर्देशों का पालन नहीं किया है।


यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने पीसीएस मुख्य परीक्षा की अभ्यर्थी वैशाली द्विवेदी की याचिका खारिज करते हुए दिया है। याची का कहना था कि उसने पीसीएस परीक्षा 2022 के लिए 16 मार्च 2022 को जारी विज्ञापन के तहत आवेदन किया था। आवेदन में गलती से उसने अपनी कैटेगरी जनरल की जगह एससी भर दी। याची प्रारंभिक परीक्षा में सफल भी हो गई। उसे जनरल कैटेगरी के मिनिमम कट ऑफ से अधिक मार्क्स मिले हैं। अपनी गलती की जानकारी होने पर उसने लोक सेवा आयोग को प्रार्थना पत्र देकर त्रुटि सुधारने का अवसर देने की मांग की, लेकिन आयोग ने उसका आवेदन निरस्त कर दिया। इससे याची मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगी। याचिका में मांग की गई कि याची को अपनी कैटेगरी सुधारने का अवसर दिया जाए। साथ ही उसे 27 सितंबर को आयोजित मुख्य परीक्षा का का प्रवेश पत्र जारी किया जाए। आयोग के अधिवक्ता का कहना था कि आवेदन पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि सभी निर्देशों का पालन करना जरूरी है। याची के पास अंतिम तिथि तक अपने आवेदन में की गई गलती को सुधारने का अवसर था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि आवेदन पर दिए गए निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। अभ्यर्थी की ओर से आवेदन भरने में की गई कोई भी गलती उसे राहत देने का आधार नहीं हो सकती है। वास्तव में इस स्तर पर हाईकोर्ट द्वारा हस्तक्षेप करने से विवादों का पिटारा खुल सकता है, जिससे पूरी परीक्षा प्रक्रिया प्रभावित हो जाएगी। साथ ही उन सभी अभ्यर्थियों को नुकसान उठाना पड़ेगा जिन्होंने नियमों का पालन करते हुए आवेदन किया है।

कोई टिप्पणी नहीं