असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप
प्रयागराज, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 50 के तहत की गई असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए प्रतियोगी छात्रों ने सोमवार को उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के बाहर प्रदर्शन किया। उच्चतर शिक्षा प्रतियोगी मंच के बैनर तले अभ्यर्थियों ने बाबा चौराहे से आयोग तक मार्च निकाला और फिर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन आयोग के सचिव दयानंद प्रसाद को सौंपा। भर्ती में भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की।
अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी कि एक हफ्ते के अंदर मांग नहीं मानी गई तो मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और यदि उसके बावजूद सकारात्मक निष्कर्ष नहीं निकलता तो 17 सितंबर को प्रयागराज के जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि राजनीति विज्ञान में एक चयनित छात्र ने 95 प्रश्नों में से 92 सही किया है। तीन प्रश्नों का उत्तर आयोग ने अंतिम उत्तरकुंजी में बदल दिया था। ऐसे में बिना पेपर लीक हुए कोई अभ्यर्थी 92 प्रश्न सही नहीं कर सकता। क्योंकि प्रश्नों की प्रकृति ऐसी थी कि इस विषय का कोई प्रोफेसर भी 85 से अधिक प्रश्न सही नहीं कर सकता था। यही नहीं राजनीति विज्ञान में अनारक्षित वर्ग की आधे से अधिक सीटों पर चयन 86 से अधिक सही प्रश्न करने वालों का हुआ है। शिक्षाशास्त्रत्त्, संस्कृत, भूगोल, अर्थशास्त्रत्त्, अंग्रेजी व इतिहास सहित सभी विषयों का यही हाल है।
सह संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि कई विषयों में पेपर सेटिंग कर एक ही परिवार के एक से अधिक लोग चयनित हुए हैं। प्रदर्शन करने वालों में डॉ. प्रदीप, डॉ अमित शर्मा, रणवीर पाल, मनोज यादव, विकास चंदेल, जीएन शाक्य, सौरभ सिंह, सुनील पांडेय, मनीष कुमार, शैलेश पासवान, भानु कुमार, प्रदीप कुमार, शशांक, शैलेश, जोया, विवेक तिवारी, पवन कुमार, डॉ. अरविन्द कुमार, अमन पाठक, डॉ. रविशंकर, अश्वनी मिश्रा, रोहित कुमार, भूपेंद्र सिंह, विपुल सिंह, विकास आदि शामिल रहे।
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