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छह महीने बाद स्कूलों में आईं किताबें, अब पढ़ाने को टीचर नहीं, शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी में लगाया

कानपुर की परिषदीय स्कूलों के सत्र शुरू होने के बाद अब जाकर बच्चों को किताबें मिली हैं। लेकिन जब किताबें आई हैं तो स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं। दरअसल शिक्षकों को बूथ लेवल ऑफिसर यानी बीएलओ की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। 



ज्यादातर स्कूल मंगलवार को इस उम्मीद में खोले जा रहे हैं कि शायद इस दिन बीएलओ की काम से शिक्षकों को छुट्टी मिल जाए और वे स्कूलों में पढ़ा सकें। दूसरी तरफ खंड शिक्षा अधिकारी ड्यूटी देने के लिए शिक्षकों पर दबाव बना रहे हैं। वहीं एक खंड शिक्षा अधिकारी ने एक हेडमास्टर को निर्देश दे दिया कि वह बिना किसी कार्रवाई के ही शिक्षक को कार्यमुक्त कर दें। 


जब शिक्षक संघों ने नाराजगी जताई तो अधिकारी इस केवल इस बात पर सहमत हुए कि हेडमास्टर, इंचार्ज, एक शिक्षक और दिव्यांग शिक्षकों की अतिरिक्त ड्यूटी हटा दी जाएगी। वहीं अन्य बाकी अध्यापक ड्यूटी करते रहेंगे। बच्चों को किताबें इसी महीने मिली हैं लेकिन अब उनकी पढ़ाई केवल एक अध्यापक के भरोसे हैं।

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