राज्यकर्मियों और पेंशनरों को कैशलैस इलाज की सुविधा मिलने की शुरुआत : CM
लखनऊ, राज्यकर्मियों और पेंशनरों को कैशलैस इलाज की सुविधा मिलने की शुरुआत हो चुकी है। स्वास्थ्य ढांचे में सुधार के लिए नर्सिंग और पैरामेडिकल सीटों में बढ़ोत्तरी की गई है। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की नियुक्तियां की जा रही हैं। मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों के जरिए करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। भाजपा के संकल्प पत्र में किए वायदे और सरकार द्वारा तैयार कराई गई समयवार कार्ययोजना में तय लक्ष्य के हिसाब से स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के कई वायदे योगी सरकार ने पूरे किए हैं।
कोरोना की पहली लहर ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की कलई खोल दी थी। मगर उसके बाद योगी सरकार ने लगातार स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए तमाम काम किए हैं। बीते छह महीनों में भी राज्य सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। प्रदेश के 20 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को सरकार इलाज की सुविधा तो दे रही थी मगर पहले उन्हें खुद भुगतान करना होता था। तब उन्हें सरकार से पैसा मिलता था। उनकी मांग थी कि कैशलैस इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। राज्य सरकार ने उनकी यह मांग पूरी कर दी। अब निजी अस्पतालों में भी वे पांच लाख रुपये तक का इलाज निशुल्क करा सकते हैं। प्रदेश में नये सरकारी अस्पताल बनाए जा रहे हैं।
100 शैय्या के तीन संयुक्त चिकित्सालय, 5 सीएचसी और 05 पीएचसी का निर्माण हो रहा है। लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई गई है। ऐसी 250 नई एंबुलेंस को बेड़े में शामिल किया गया है। सर्वाधिक कोरोना टीकाकरण के मामले में भी यूपी लगातार आगे है। 16 करोड़ से अधिक को दोनों डोज दिए जा चुके।
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