primary ka master: चार माह से नहीं मिली कन्वर्जन कास्ट, शिक्षक जेब से खिला रहे मध्याह्न भोजन
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को मध्याह्न भोजन (एमडीएम) देने के लिए कन्वर्जन कास्ट चार माह से नहीं मिली है। शिक्षक अपनी जेब से खर्च कर मध्याह्न भोजन बनवा रहे हैं। कुछ दिन तो शिक्षक दुकान से उधार सामान लेकर बच्चों को भोजन खिला रहे थे लेकिन जब दुकानदारों ने भी उधार देने से मना किया तो वे अपनी जेब से खर्च करने को मजबूर हो गए।
जिले के तकरीबन 2500 परिषदीय विद्यालयों में 3.48 लाख बच्चे पंजीकृत है। स्कूल में उनको मध्याह्न भोजन देने की जिम्मेदारी स्कूल के हेडमास्टर/प्रधानाचार्य या प्रभारी की है। विद्यालय के खुले मध्याह्न निधि खाते के जरिये यह योजना संचालित होती है। इस खाते में मध्याह्न भोजन बनाने के लिए कन्वर्जन कास्ट भेजी जाती है। स्कूलों में कन्वर्जन कास्ट की राशि मार्च 2022 तक की ही भेजी गई है। इसके बाद अप्रैल से ही शिक्षक बिना कन्वर्जन कास्ट के स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनवा रहे हैं। शुरुआत में कुछ दिन तो दुकान से उधार लेकर काम चलाया लेकिन अब दुकानदार ने भी उधार देना बंद कर दिया। इसके बाद अपनी जेब से खर्च कर मध्याह्न भोजन बनवाने को मजबूर हैं।
शिक्षक कन्वर्जन कास्ट के लिए बीएसए दफ्तर का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन जिम्मेदार बजट न होने का हवाला दे रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री श्रीधर मिश्र ने कहा कि समय से कन्वर्जन कास्ट न मिलने से शिक्षकों को एमडीएम बनवाने में कठिनाई उठानी पड़ रही है। चार-पांच माह से अपने खर्च पर मध्याह्न भोजन बनवाने से शिक्षकों के सामने भी आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी ज्ञानेन्द्र ओझा ने कहा कि विभाग को कन्वर्जन कास्ट एडवांस भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
रसोइयों को भी नहीं मिला पांच माह से मानदेय
परिषदीय विद्यालयों में एमडीएम बनाने के लिए 7667 रसोइयों की तैनाती है। उनको प्रति माह दो हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। पिछले पांच माह से उनको मानदेय न मिलने से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजेश धर दूबे ने कहा कि जहां कन्वर्जन कास्ट न मिलने से शिक्षक परेशान हैं वहीं रसोइया भी मानदेय नहीं मिलने के कारण अब मध्याह्न भोजन बनाने में आनाकानी करने लगी हैं।
एमडीएम के लिए 42.84 लाख की डिमांड
मध्याह्न भोजन योजना के जिला समन्वयक दीपक पटेल ने बताया कि केंद्र सरकार से समय से ग्रांट नहीं मिलने से कन्वर्जन कास्ट मिलने में विलम्ब हुआ है। जल्द ही कन्वर्जन कास्ट आने की उम्मीद है। पूरे शैक्षणिक सत्र में मध्याह्न भोजन योजना संचालित करने के लिए 42.84 करोड़ रुपये की डिमांड शासन से की गई है। स्कूलों को अक्तूबर तक का खाद्यान्न उपलब्ध करा दिया गया है।
यह है मध्याह्न भोजन का मेन्यू
सोमवार - रोटी-सब्जी व दाल
मंगलवार - दाल-चावल
बुधवार - तहरी व दूध
गुरुवार - दाल-रोटी
शुक्रवार - तहरी
शनिवार - चावल-सब्जी
कन्वर्जन कास्ट
मध्याह्न भोजन के लिए प्राथमिक विद्यालय के प्रति बच्चे के हिसाब से औसतन 4.97 रुपये और उच्च प्राथमिक विद्यालय में 7.45 रुपये कन्वर्जन कास्ट मिलती है। यह रकम विद्यालय के खुले मध्याह्न निधि खाते में भेजे जाने की व्यवस्था है।
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