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पीईटी परीक्षा में सेंध लगाने की कोशिश, एसटीएफ ने 11 लोगों को किया गिरफ्तार


उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से शनिवार को आयोजित प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें आठ को एसटीएफ ने और तीन को एसटीएफ की सूचना पर अमेठी पुलिस ने दबोचा। गिरफ्तार अभियुक्तों में मोटी रकम लेकर परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह के सदस्यों के अलावा सॉल्वर एवं अभ्यर्थी भी शामिल हैं। यह परीक्षा प्रदेश के सभी 75 जिलों में कुल 1899 परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित की गई है। यह परीक्षा शनिवार को दो पालियों में हुई। रविवार को भी दो पालियों में यह परीक्षा होगी। शासन के निर्देश पर एसटीएफ ने अपनी सभी इकाइयों को परीक्षा की निगरानी में लगा दिया है।

उन्नाव से एसटीएफ ने तीन को दबोचा

एसटीएफ लखनऊ के डीएसपी विमल कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में इंस्पेक्टर ज्ञानेन्द्र कुमार राय के नेतृत्व में बनी मुख्यालय की एक टीम को उन्नाव जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र स्थित परीक्षा केन्द्र आदर्श विद्या मन्दिर गीतापुरम में मूल अभ्यर्थी के स्थान पर पेशेवर सॉल्वर बैठाकर परीक्षा दिलाने की सूचना मिली थी।

इस सूचना पर एक अन्तर्राज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। इनमें पुष्पेन्द्र यादव (मूल अभ्यर्थी) निवासी ग्राम अठनपुर इस्माइलगंज थाना थरवई जिला प्रयागराज, सत्यम कुमार पांडेय (सॉल्वर) निवासी ग्राम मठिया थाना लोरिया जिला पश्चिमी चम्पारण बिहार तथा अंकित कुमार मौर्या (सहयोगी) निवासी अढड़नपुर इस्माइलगंज थाना थरवई जिला प्रयागराज को गिरफ्तार किया गया। तीनों के कब्जे से मोबाइल फोन, रेल टिकट, निर्वाचन कार्ड, एटीएम कार्ड तथा फर्जी आधार कार्ड व एडमिट कार्ड बरामद हुआ।

गिरफ्तार अभियुक्त सत्यम ने बताया कि वह इस परीक्षा के पहले भी कई अभ्यर्थियों के स्थान पर बैठकर परीक्षा दे चुका है। इसके बदले उसे 25-30 हजार रुपये प्रति परीक्षार्थी मिले हैं। वह ग्रुप-डी एवं रेलवे की परीक्षाओं में लगभग 15 अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा दे चुका है। इस बार वह पुष्पेन्द्र यादव के स्थान पर परीक्षा दे रहा था। रविवार को भी उसे एक अन्य अभ्यर्थी के स्थान पर बैठना था। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध उन्नाव के कोतवाली सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

अमेठी से तीन व जौनपुर से दो गिरफ्तार

एसटीएफ मुख्यालय द्वारा दी गई सूचना पर एसपी अमेठी की टीम ने राणा रणंजय सिंह पीजी कॉलेज में अभ्यर्थी आर्यन राठौर निवासी ग्राम पाली थाना फूलपुर प्रयागराज के स्थान पर सॉल्वर सोनू कुमार कामत निवासी ग्राम सुरियाही थाना कुलपरास जिला मधुबनी (बिहार) को परीक्षा देते गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बाद में आर्यन के ममेरे भाई पंकज को भी गिरफ्तार किया। एसटीएफ की प्रयागराज फील्ड इकाई ने परीक्षा केन्द्र ग्रामोदय इंटर कॉलेज गौरा बादशाहपुर जिला जौनपुर से दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इनमें अनिल कुमार मल्होत्रा (एजेंट) निवासी सिंहापुर थाना नवाबगंज जनपद प्रयागराज तथा सिद्धार्थ शंकर दूबे (सॉल्वर) निवासी महाराजा हाता थाना नवादा जिला भोजपुर (बिहार) शामिल है। दोनों के कब्जे से मोबाइल फोन, ओएमआर आन्सर शीट, एक प्रवेश पत्र, एक फर्जी आधार कार्ड तथा नकद चार हजार रुपये बरामद हुए। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थाना गौराबादशाहपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

कानपुर में इक्साइज इंस्पेक्टर समेत दो गिरफ्तार

एसटीएफ लखनऊ की टीम ने परीक्षा केन्द्र राहुल मेमोरियल इंटर कॉलेज यशोदानगर कानपुर में मूल अभ्यर्थी रघुवीर के अलावा उसके स्थान पर परीक्षा दे रहे सैफ अहमद खान को गिरफ्तार किया। रघुवीर (मूल अभ्यर्थी) निवासी तेंदुआ थाना मल्लांवा जिला हरदोई और सैफ अहमद खान (सॉल्वर) निवासी बृजमनगंज जिला महाराजगंज के कब्जे से दो आधार कार्ड, तीन पैन कार्ड, एक डीएल, दो वोटर आईडी, दो मोबाइल फोन, चार एटीएम कार्ड, एक इक्साइज इंस्पेक्टर का आईडी कार्ड, एक फर्जी आधार कार्ड, एक मुंबई से दिल्ली का एयर टिकट और एक मोटर साइकिल बरामद हुई।

सैफ अहमद खान ने बताया कि वह मुंबई के घाटकोपर में इक्साइज इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है। प्राथमिक विद्यालय बालामऊ हरदोई में अध्यापक अपने मित्र महेन्द्र के कहने पर सॉल्वर के रूप में परीक्षा देने आया था। महेन्द्र विभिन्न परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाने का कार्य करता है और पूर्व में मध्य प्रदेश से जेल जा चुका है। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थाना नौबस्ता कमिश्नरेट कानपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया है।


मेरठ में फर्जी उत्तर कुंजी के साथ एक गिरफ्तार

एसटीएफ की मेरठ फील्ड इकाई ने परीक्षा केन्द्र बीडीएस स्कूल जागृति विहार थाना मेडिकल जिला मेरठ के पास से रोबिन निवासी थाना भवनपुर सियाल जिला मेरठ को गिरफ्तार किया। रोबिन के पास से दूसरी पाली में होने वाली परीक्षा की उत्तर कुंजी पाई गई, जिसका मिलान कराने पर वह फर्जी पाया गया। रोबिन द्वारा अभ्यर्थियों को इस उत्तर कुंजी को असली उत्तर कुंजी बताकर धोखा से धनार्जन करने का प्रयास किया जा रहा था।


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