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संस्कृत विद्यालयों में लटक रहे ताले


हमीरपुर। देववाणी संस्कृत भाषा की बढ़ावा देने के लिए एक तरफ डीएम डॉ. चंद्रभूषण त्रिपाठी के संस्कृत भाषा में फैसला सुनाने पर हर तरफ तारीफ हो रही है। लेकिन लोगों को संस्कृत भाषा से जोड़ा जा सके इसको लेकर पहल नहीं की जा रही है। जिले में संस्कृत के विद्यालयों की दशा दयनीय है।






जिले में भूवनेश्वरी संस्कृत महाविद्यालय लोखर श्री ठाकुर जी आदर्श महाविद्यालय इमिलिया व ब्रम्हानंद संस्कृत महाविद्यालय राठ में संचालित है। संस्कृत उच्चतर मा. विद्यालय बेरी, हरिशंकर पाठशाला कुरारा, सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुमेरपुर, आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिहूनी प्रेमानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रिरुआ, विवेकानंद संस्कृत विद्यालय मौदहा में है। इनमें प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों के कुल 40 पद सृजित हैं जिनमें मात्र 13 नियमित व दस शिक्षक मानदेय पर कार्यरत हैं।



महाविद्यालय लोखर में शिक्षकों के 11 पद सृजित है। जिसमें 10 शिक्षक तैनात है। इमिलिया में पांच पद सभी रिक्त, राठ में छह पद सभी







रिक्त, वहाँ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से में तीन पद एक शिक्षक तैनात कुरारा तीन पद सभी रिक्त, सुमेरपुर तीन पदों के सापेक्ष तीनों शिक्षक मानदेय पर बिहूनी तीन पद तीनों मानदेय पर रिस तीन पदों में दो परमानेंट व एक मानदेय पर मौदहा में तीन पद तीनों कार्यरत हैं।



जिला विद्यालय निरीक्षक रतन सिंह ने कहा कि पीईटी परीक्षाओं के चलते अभी तीन दिन व्यस्तता अधिक है। इसके बाद ही जानकारी दें पाएंगे। डीएम डॉ चंद्रभूषण त्रिपाठी ने कहा कि कहां-कहां विद्यालय संचालित हैं और शिक्षकों की कहां से नियुक्ति होगी इसकी भी जानकारी की जाएगी। जल्द इनको जांच करवाकर समस्या का निदान कराया जाएगा।

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