न बच्चों को पुस्तकें न रसोइयों को मानदेय, धरने पर बैठे शिक्षक
संतकबीरनगर, नौ सूत्री मांगों के समर्थन में शुक्रवार को परिषदीय शिक्षकों ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बैनर तले बीएसए कार्यालय पर धरना दिया। शिक्षकों ने कहा कि आधा सत्र बीत गया, मगर स्कूलों में किताबें नहीं पहुंचीं। रसोइयों को मानदेय भी नहीं मिला। इससे उनकी दशहरा व दीपावली फीकी रही। महासंघ ने बीईओ हैंसर पर आरोप लगाया कि विद्यालय जांच के नाम पर शिक्षकों को प्रताड़ित कर रहे हैं। शिक्षकों के बीच पहुंचे बीएसए ने समस्याओं के समाधान के लिए समय मांगा, लेकिन शिक्षकों ने उसे खारिज कर दिया।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष नवीन त्रिपाठी ने कहा कि बीईओ हैंसर की कार्यप्रणाली शिक्षक और विद्यालय के हित में नहीं है। शिक्षकों ने उनके खिलाफ जांच कराकर विभागीय कार्रवाई की मांग की। महासंघ ने निलंबन से पूर्व स्पष्टीकरण न मांगना, निलंबन व बहाली की कार्रवाई में समानता का न होना तथा निपुण भारत प्रशिक्षण में पूरे जनपद में खराब खाने के मुद्दे पर आक्रोश प्रकट किया।
जिलाध्यक्ष नवीन त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि एमडीएम का कन्वर्जन कास्ट अब तक नहीं मिला है। विद्यालय में प्रतिदिन भोजन बनवाना कठिन होता जा रहा है। स्पष्टीकरण देने के बाद भी शिक्षकों के एक दिन के कटे वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। दिव्यांगता भत्ता तथा एरियर भुगतान को जान बूझकर लटकाया जा रहा है। संगठन इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस दौरान बीएसए अतुल तिवारी धरनारत शिक्षकों के बीच पहुंचे। उन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए समय मांगा, लेकिन शिक्षकों ने सिरे से खारिज कर दिया। शिक्षकों ने कहा कि पहले से ही बहुत समय दिया जा चुका है। इस मौके पर विशिष्ट बीटीसी एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार चौधरी, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जिला महामंत्री अमरेश कुमार चौधरी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रेनू अग्रहरि, सुरेश मौर्य, दिनेश शुक्ल, राजेश मौर्य, श्यामनारायण, मनोज सिंह आदि मौजूद रहे।
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