ओएमआर शीट स्कैनिंग के लिए परिषदीय शिक्षक घंटों जूझे
परिषदीय स्कूलों के बच्चों ने मंगलवार को ओएमआर शीट से निपुण मूल्यांकन परीक्षा दी, लेकिन ओएमआर शीट स्कैन करने वाली सरल ऐप ने धोखा दे दिया। ऐप में खामी के चलते देर शाम तक शीट स्कैन नहीं हो सकी। शिक्षकों ने एबीएसए और बीएसए से शिकायत की। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने शिक्षकों को ओएमआर शीट को घर जाकर स्कैन करने का मौका दे दिया।
प्राइमरी, जूनियर, कम्पोजिट और कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूलों के दो लाख छात्र और छात्राओं की मंगलवार को निपुण लक्ष्य और लर्निंग आउट कम परीक्षा ओएमआर शीट से करायी गई। काकोरी के भरोसा कम्पोजिट स्कूल के प्रधानाध्यापक वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि शीट स्कैन करने में दिक्कत आ रही थी।
तीन-तीन गोले भर दिये
बच्चों को ओएमआर शीट भरने में दिक्कतें हुए। शिक्षकों के समझाने के बावजूद एक-एक जवाब के सामने दो या तीन-तीन गोले भर दिये।
84 बच्चों ने दी परीक्षा
बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि मंगलवार को निरीक्षण टीमों ने 634 स्कूलों का निरीक्षण किया। इन स्कूलों के करीब 54 हजार बच्चे परीक्षा में बैठे। जिसमें 84 फीसदी बच्चों की उपस्थिति रही। अन्य स्कूलों के बच्चों की ओएमआर सीट स्कैन होने परीक्षा देने वाले बच्चों की संख्या पता चलेगी। उन्होंने कहा कि सरल ऐप में तकनीकी खामी के चलते ओएमआर शीट स्कैन करने में दिक्कत आयी।
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