एक सरकारी स्कूल ऐसा भी : जहां पढ़ाई के लिए करना पड़ता है तीन दिन का इंतजार
ये नजारा किसी प्राइवेट स्कूल का नहीं है। ये मेरठ का परिषदीय स्कूल है। लिसाड़ीगेट में सात कमरों के प्रह्लाद नगर उच्च प्राथमिक विद्यालय में 1119 छात्राएं पढ़ती हैं। यहां क्लास के लिए इनमें से 550 छात्राओं को सप्ताह के पहले तीन दिन बुलाया जाता है तो शेष को बाद के तीन दिन। यहां तीन शिक्षामित्र, तीन अनुदेशक, छह सहायक अध्यापक और एक प्रधानाध्यापक तैनात हैं।
लिसाड़ीगेट अल्पसंख्यक बहुल आबादी वाला इलाका है। यह अपराध के लिए भी बदनाम है। अभिभावक बेटियों को पढ़ने के लिए घर से दूर भेजना नहीं चाहते। प्रह्लाद नगर उच्च प्राथमिक विद्यालय लिसाड़ी गेट थाने के पास है। अभिभावकों को लगता है कि यहां बच्चियां महफूज रहेंगी। इसलिए विद्यालय में छात्राओं की संख्या 1119 हैं।
देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म दिवस छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2010 में 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस के रूप में घोषित किया था।
कलाम हर बच्चे को शिक्षा के अधिकार के हिमायती थे, लेकिन लिसाड़ीगेट के स्कूल में पढ़ाई के लिए 500 से ज्यादा बच्चियों को तीन दिन इंतजार करना पड़ता है। शिक्षा विभाग के अफसरों ने कभी यहां आकर झांकने की कोशिश नहीं की। ये तक जानने की कोशिश नहीं हुई कि सभी बच्चियों को प्रतिदिन कक्षा में पढ़ने का मौका कैसे मिले।
प्रधानाध्यापक नौशाद अली ने बताया कि स्कूल में सिर्फ सात कक्ष हैं। गर्मियों में उपस्थिति लगभग पूरी होती है, ऐसे में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
1072 परिषदीय स्कूल हैं जिले में
637 प्राथमिक स्कूल हैं।
171 उच्च प्राथमिक स्कूल हैं।
264 कंपोजिट विद्यालय हैं।
1,42,601 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं इन सभी स्कूलों में।
और जगह होती तो अच्छा होता
हमारे साथ शिक्षक भी मेहनत करते हैं और हम मन लगाकर पढ़ते हैं। अगर स्कूल में और जगह होती तो बहुत अच्छा होता। - सानिया, छात्रा
फर्नीचर की कमी
गर्मियों में बहुत ही ज्यादा परेशानी होती है और स्कूल में टेबल की भी कमी है। - शाहिजा, छात्रा
Post a Comment