लापरवाही की भेंट चढ़ी "मेरा विद्यालय, मेरी पहचान" योजना
सुल्तानपुर मेरा विद्यालय, मेरी पहचान योजना खंड शिक्षाधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। इस योजना के तहत एक भी विद्यालय का आवेदन अंतिम तिथि नवंबर तक डायट प्राचार्य के पास नहीं पहुंचा।
मेरा विद्यालय, मेरी पहचान योजना के तहत नामांकन ठहराव और शैक्षिक गुणवत्ता के आधार पर सर्वश्रेष्ठ पांच विद्यालयों का चयन कर उन्हें पुरस्कृत किया जाना था। शासन के निर्देश पर डायट प्राचार्य ने खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी कर छह नवंबर तक विद्यालयों का आवेदन भेजने को कहा था। खंड शिक्षाधिकारियों को ऐसे विद्यालयों का नाम भेजने को कहा गया, जिसमें छात्र संख्या, बच्चों की औसत
उपस्थिति प्राथमिक स्तर पर निपुण लक्ष्यों के सापेक्ष प्रदर्शन, बच्चों का उनको अभिरुचि के अनुरूप खेलों में प्रतिभाग, सामुदायिक सहभागिता से विद्यालय की अवस्थापना सुविधाओं का विकास, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण के तहत काम शौचालयों की क्रियाशीलता, पुस्तकालय की स्थापना व क्रियाशीलता का विवरण
देना था। आवेदन के लिए छह नवंबर तक अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी लेकिन एक भी खंड शिक्षाधिकारी की ओर से आवेदन भेजा नहीं गया। आठ नवंबर को विद्यालयों का चयन कर एससीईआरटी लखनऊ भेजा जाना था लेकिन आवेदन नहीं होने से यह योजना खटाई में पड़ती दिख रही है।
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