परिषदीय स्कूलों में चूल्हों पर धुएं के बीच बन रहा मिड-डे-मील, पढ़िए पूरा मामला
प्रतापगढ़। मिड-डे-मील बनाने के नाम पर रसोई गैस पर हर साल लाखों रुपये खर्च होते हैं। इसके बावजूद जिले के 400 परिषदीय विद्यालयों में मिट्टी के चूल्हों पर खाना बनाया जा रहा है। विद्यालयों में उपले व लकड़ी के सहारे से धुएं के बीच मिड डे मील बन रहा है। कहाँ गैस सिलिंडर गायब हो गया है तो कहीं प्रधान के पास रखे हैं। इस परेशानी से विभागीय अधिकारी भी अन्जान बने हैं।
जिले में 2023 प्राथमिक और 722 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इसमें कुल 2 लाख 84 हजार बच्चे पढ़ाई करते हैं। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को घर से टिफिन न लाना पड़े। इसके लिए मिड डे मील की व्यवस्था की गई है। इससे स्कूलों में मिड डे मील चूल्हों पर बनता था, जिससे बच्चे धुएं में बैठ कर पढ़ने को मजबूर होते थे। ऐसे में विभाग ने स्कूलों में गैस सिलिंडर और चूल्हे की व्यवस्था की है, लेकिन 400 ऐसे विद्यालय है जहां गैस सिलिंडर के बजाए मिट्टी के चूल्हे पर भोजन पकाया जा रहा है।
संडवाचंद्रिका ब्लाक के लोहरपट्टी गांव स्थित प्राइमरी च उच्च प्राथमिक विद्यालय दोनों एक ही कैंपस में संचालित होते है प्राइमरी में 61 बच्चे व मिडिल में 30 बच्चे पंजीकृत है। विद्यालय में मिड डे मील की रसोई से गैस चूल्हा गायब है। मिड डे मील चूल्हे पर बन रहा है। रसोई से उठने वाले धुएं से बच्चों को परेशानी होती है। विद्यालय में मिड डे मील के लिए चूल्हा व सिलिंडर दोनों मिला था, मगर दोनों चोरी हो गए।
प्रधानाध्यापक अतुल सिंह ने बताया कि सिलिंडर चोरी होने के बाद मध्याहन भोजन चूल्हे पर बन रहा है। इस संदर्भ में थाने में तहरीर दी गई है। मगर इसे लेकर अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
इसी तरह रानीगंज के प्राथमिक विद्यालय व उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक ही परिसर में संचालित होता है। विद्यालय में 450 बच्चे पंजीकृत हैं। मिड डे मील के लिए आया चूल्हा व गैस सिलिंडर चोर उठा ले गए। ऐसे में विद्यालय में 450 बच्चों का मिड डे मील चूल्हे पर बनाया जा रहा है। प्रभारी प्रधानाध्यापक मो हातिम ने बताया कि थाने में इसकी तहरीर दी गई है। इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जिन विद्यालयों में गैस सिलिंडर नहीं है वहां के प्रधानाध्यापक मांगपत्र भेजे, उन्हें धनराशि दी जाएगी
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