अनुदेशकों की भर्ती में सीटीआई अनिवार्यता को दरकिनार करने के खिलाफ बहस जारी
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश औद्योगिक प्रशिक्षण सेवा नियमावली के कई उपबंधों की वैधता चुनौती याचिकाओं की सुनवाई 16 नवंबर को होगी। इसके तहत अनुदेशकों की भर्ती अर्हता में मनमानी करने और एनसीवीटी (नेशनल काउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग) के निर्देशों की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया है।
बेरोजगार औद्योगिक कल्याण समिति व 39 अन्य की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति राजेन्द्र कुमार की खंडपीठ कर रही है।
याचिका पर तर्क दिया गया कि एनसीवीटी के प्रस्ताव को स्वीकार कर 1996 में केन्द्र सरकार ने सीटीआई (सेंट्रल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) प्रशिक्षण के लिए राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को नियमों में बदलाव का निर्देश दिया। इसमें अनुदेशकों की भर्ती के लिए सीटीआई अनिवार्य योग्यता रखने को कहा गया।
इसके तहत प्रदेश में आठ अगस्त 03 को नियम संशोधित किया गया। चार माह के भीतर ही राज्य सरकार ने सीटीआई को अनिवार्य की बजाय वरीयता में रखने का आदेश दिया, जिसे चुनौती दी गई। 16 नवंबर को राज्य सरकार व केंद्र सरकार की ओर से बहस होगी.
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