आदेश: टीजीटी भर्ती-2016 के इस विषय का बदलेगा परिणाम
सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) 2016 के कला विषय की शिक्षक भर्ती का परिणाम बदलेगा। अर्हता को लेकर 30 नवंबर को आए हाईकोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले से अभ्यर्थियों को राहत मिली है।
हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को उन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने और साक्षात्कार में शामिल करने का आदेश दिया है जिन्हें हाईस्कूल में चित्रकला विषय की पढ़ाई तो की थी, लेकिन टेक्निकल आर्ट न होने के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया था।
इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 (जिसके आधार पर टीजीटी-पीजीटी भर्ती होती है) में टीजीटी कला विषय की भर्ती के लिए विभिन्न अर्हताओं में से एक यह है कि अभ्यर्थी के पास हाईस्कूल में टेक्निकल आर्ट होना चाहिए। हालांकि यूपी बोर्ड ने 1998 में पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए हाईस्कूल में चित्रकला विषय में ही टेक्निकल आर्ट को शामिल कर दिया था। इस लिहाज से 1998 के बाद से जिन अभ्यर्थियों ने हाईस्कूल में चित्रकला विषय लिया था वे सभी टीजीटी भर्ती के लिए अर्ह हो गए।
टीजीटी कला के 439 पदों के लिए जुलाई 2021 में घोषित परिणाम में हाईस्कूल चित्रकला पास अभ्यर्थियों को बाहर किया गया तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।
100 साल पुराने नियम के कारण विवाद
एडेड कॉलेजों की शिक्षक भर्ती में अर्हता को लेकर सर्वाधिक विवाद है। चयन बोर्ड इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 के आधार पर भर्ती करता है, जबकि 100 साल पहले बने एक्ट के तमाम कोर्स वर्तमान में या तो खत्म हो चुके हैं या अपना महत्व खो चुके हैं। उदाहरण के तौर पर टीजीटी कला विषय की ही भर्ती के लिए लाहौर के मेयो स्कूल ऑफ आर्ट्स की टीचर्स सीनियर सर्टिफिकेट परीक्षा अब तक मान्य जबकि बीएफए और एमएफए जैसी उच्च उपाधि ग्रहण करने वाले अभ्यर्थियों को बाहर रखा गया है। हालांकि शिक्षक भर्ती के लिए शासन स्तर से अर्हता का नए सिरे से निर्धारण किया जा रहा है।
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