हेडमास्टरों की परेशानी का सबब बने घुमंतू समुदाय के बच्चे
सुल्तानपुर। परिषदीय विद्यालयों में नामांकित घुमंतू समुदाय के बच्चे प्रधानाध्यापकों की परेशानी का सबब बन गए हैं। स्कूलों में प्रवेश लेने के बाद घुमंतू समुदाय के लोग दूसरे स्थानों को निकल गए हैं। अब न बच्चे ढूंढे मिल रहे हैं और न ही व उनके अभिभावक डीबीटी पोर्टल पर विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों का आधार अपडेट नहीं होने से बार-बार प्रधानध्यापकों को अधिकारियों की फटकार सुननी पड़ रही है।
परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग और स्टेशनरी के लिए 1200 रुपये प्रति छात्र मिलते हैं। इसके लिए डीवीटी पोर्टल पर प्रक्रिया पूर्ण करनी होती है। अभिभावकों व विद्यार्थियों का आधार अपडेट किए बिना प्रक्रिया पूरी नहीं होती। घुमंतू बिरादरी के लोग एमडीएम के लालच में अपने बच्चों का प्रवेश
कराकर दूसरी जगह मांगने-खाने निकल गए. हैं। वे कब लौटकर आएंगे।
इसकी कोई समय सीमा नहीं है। प्रधानाध्यापक बच्चों व उनके अभिभावकों का आधार जुटाने के लिए भरसक कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनकी कोशिशें कामयाब होती नहीं दिख रही है। डीबीटी पोर्टल पर काम पूरा नहीं होने की वजह से खंड शिक्षा अधिकारियों और बीएसए की फटकार ऊपर से सुनने को मिल रही है।
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