सरकार ने लघु बचत योजनाओं के ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, जनवरी-मार्च तिमाही के लिए ब्याज दरों की घोषणा, पीपीएफ स्कीम और सुकन्या समृद्धि योजना जमा की ब्याज दरों में काेई बढोतरी नहीं
सरकार ने लघु बचत योजनाओं के ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, जनवरी-मार्च तिमाही के लिए ब्याज दरों की घोषणा
• 1 साल की स्कीम पर ब्याज दर बढ़कर 6.6% हुई
• 2 साल की स्कीम पर ब्याज दर बढ़कर 6.8% हुई
• 3 साल की स्कीम पर ब्याज दर बढ़कर 6.9% हुई
• 5 साल की स्कीम पर ब्याज दर बढ़कर 7%
• सीनियर सिटीजन सेविंग प्लान पर ब्याज दर 8% हुई
• मंथली इनकम प्लान पर ब्याज दर बढ़कर 7.1% हुई
• किसान विकास पत्र पर ब्याज दर बढ़कर 7.2% हुई नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर ब्याज दर बढ़कर 7% हुई
नयी दिल्ली : 30 दिसंबर : सरकार ने एक जनवरी 2023 से शुरू हो रही तिमाही के लिए किसान विकास पत्र, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र जैसी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में एक फीसदी से अधिक तक की बढाेतरी कर दी है जबकि पीपीएफ स्कीम और सुकन्या समृद्धि योजना जमा की ब्याज दरों में काेई बढोतरी नहीं की गयी है।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा इस संबंध में जारी परिपत्र में कहा गया है कि एक जनवरी 2023 से 31 मार्च 2023 तक की अवधि के लिए लघु बचत योजनाओं के लिए नयी ब्याज दरें जारी कर दी गयी है। इसके तहत बचत जमा पर ब्याज दर 4 प्रतिशत यथावत रखी गयी है। एक वर्ष , दो वर्ष और तीन वर्ष के लिए जमा पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत की बढोतरी की गयी और अब इनके लिए नयी दरें कमश: 6.6 प्रतिशत, 6.8 प्रतिशत और 6.9 प्रतिशत हाे गयी है।
इसमें कहा गया है कि पांच वर्ष की जमा राशि के लिए ब्याज दर में 0.3 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है और अब यह बढकर 7 प्रतिशत हो गयी है। हालांकि पांच वर्ष की रेकरिंग जमा पर ब्याज दर 5.8 प्रतिशत पर यथावत है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की ब्याज दर 0.4 प्रतिशत बढ़कर आठ प्रतिशत हो गयी है।
मासिक आय खाता योजना पर भी ब्याज दर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है और यह अब 7.1 प्रतिशत हाे जायेगी। राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र पर ब्याज दर 0.2 प्रतिशत बढ़कर 7 प्रतिशत हो गयी है। पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत तथा सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 7.6 प्रतिशत पर यथावत है। किसान विकास पत्र पर ब्याज दर पहले 7 प्रतिशत और 123 महीने की परिपक्वता अवधि थी जो अब बढ़कर 7.2 प्रतिशत और परिपक्वता अवधि कम होकर 120 महीने हो गयी है।
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