शैक्षिक-जाति प्रमाणपत्र जांच में फंसी आयुष काउंसलिंग
लखनऊ। प्रदेश के आयुष कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली काउंसलिंग में बड़ा पेंच फंस गया है। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों का ऑनलाइन सत्यापन नहीं हो पा रहा। गुरुवार को भी दिनभर इन बोर्डों से सत्यापन के लिए लिंक मांगे जाने की कवायद चलती रही। इन बोर्डों से आने वाले अभ्यर्थियों की संख्या करीब 60 फीसदी है। इसके अलावा जाति प्रमाणपत्रों की जांच भी नहीं हो पा रही। उसकी साइट तो सात जनवरी को काउंसलिंग शुरू होने से पहले से ही खराब पड़ी है।
बीते वर्ष आयुष कॉलेजों में बड़ा एडमिशन घोटाले सामने आने के बाद इस साल होने वाली काउंसलिंग पर सबकी निगाह है। इस बार खासी सावधानी बरती जा रही है। इन दिनों प्रदेश के सरकारी और निजी आयुष कॉलेजों में बीएएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस में प्रवेश के लिए काउंसलिंग चल रही है। सात जनवरी से शुरू हुई काउंसलिंग में पंजीकरण कराने में आ रही दक्कितों को देखते हुए कमेटी को समय बढ़ाना पड़ा। हालांकि अभी भी समस्या जस की तस है। दरअसल पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थियों के हाईस्कूल-इंटर के शैक्षिक और जाति प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जा रहा है। अब केवल यूपी बोर्ड से आने वाले अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों का ही सत्यापन हो पा रहा है। जबकि करीब 50 अभ्यर्थी सीबीएसई व 10 आईसीएसई बोर्ड से हैं।
इन दोनों बोर्डों की साइट पर सीधे एक्सिस नहीं मिल रहा है। उसके लिए सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड से लिंक मांगा गया है। इसके लिए बोर्ड को ईमेल भेजने के साथ ही अधिकारियों से बात भी की गई। आईसीएसई बोर्ड का लिंक तो गुरुवार शाम तक मिल गया। शुक्रवार को सत्यापन हो सकेगा। मगर सीबीएसई बोर्ड के मामले में अभी सफलता नहीं मिल पाई है।
ओबीसी अभ्यर्थियों को सबसे ज्यादा समस्या
जाति प्रमाणपत्रों के लिए प्रदेश सरकार की साइट भी काफी दिनों से खराब पड़ी है। सबसे ज्यादा दिक्कत ओबीसी अभ्यर्थियों को हो रही है। ओबीसी के जाति प्रमाणपत्र क्रीमी लेयर के चलते हर साल एक अप्रैल को अपडेट कराने होते हैं। कमेटी ने तय किया है कि एक अप्रैल 2022 या उसके बाद जारी प्रमाणपत्र ही मान्य होंगे। एक ओर जहां साइट खराब होने से जाति प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं हो पा रहा, वहीं दूसरी ओर तमाम अभ्यर्थी अपना प्रमाणपत्र भी अपडेट नहीं करा पा रहे।
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