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फर्जी शिक्षकों के खिलाफ नहीं दर्ज हुआ मुकदमा, BSA के आदेश के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

सिद्धार्थनगर,परिषदीय स्कूलों में शिक्षक फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने पर हुआ है। अब तक 121 फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी हो चुकी है। 116 के खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। पकड़े जाने के करीब छह माह बाद भी सात ऐसे शिक्षक हैं जिनके खिलाफ अभी तक जिम्मेदारों ने मुकदमा दर्ज न कराकर उन्हें अभयदान दे रखा है। सवाल यह है कि आखिर बीएसए के आदेश के बावजूद अभी तक मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराया गया।


बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के सहारे तमाम लोगों ने शिक्षक की नौकरी हासिल किया। इनकी वजह से ऐसे लोग मेरिट में आकर नौकरी से वंचित हो गए जो इसके हकदार थे। वर्षों तक बच्चों को शिक्षा देते रहे। इनकी पढ़ाई से बच्चों का भविष्य क्या होगा यह आने वाले समय में तय होगा पर शिकायत के बाद कराए गए जांच में फर्जीवाड़ा साबित होने पर विभाग ने इनके खिलाफ बर्खास्ती की कार्रवाई की, उच्चाधिकारियों ने संबंधित बीईओ को कार्यरत विद्यालयों के क्षेत्र में पड़ने वाले थानों में मुकदमा पंजीकृत कराने का आदेश दिया पर अभी तक सात शिक्षकों के खिलाफ महीनों बीतने के बावजूद मुकदमा पंजीकृत नहीं कराया गया।


इस संबंध में बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि खंड शिक्षाधिकारियों को संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया गया था। परंतु अभी तक मुकदमा क्यों दर्ज नहीं कराया गया पता कराता हूं। दोषी मिलने पर संबंधित बीईओ के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

इन पर है मुकदमा दर्ज होने का इंतजार
जिन सात फर्जी शिक्षकों पर अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया उनमें बढ़नी ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जियाभारी में कार्यरत रहे अरूण कुमार मिश्रा, शोहरतगढ़ ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय नवीन पकड़ी के रामललित, खेसरहा के प्राथमिक विद्यालय डोड़वार के गोरेलाल, भनवापुर ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपरा गोसाई की महिला शिक्षक किरन, उसका बाजार ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भढ़िया के शिक्षक सचिदानंद पांडेय, प्राथमिक विद्यालय ऊंटापार में तैनात रहीं पूनम जायसवाल और मिठवल ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय के देवकी नंदन हैं।

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