हर तीन महीने में होगी जांच 100 टीमें की गईं गठित, बेसिक शिक्षा विभाग ने भ्रष्टाचार रोकने को कसी कमर
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों से अवकाश, बाल्यकाल अवकाश, चयन वेतनमान के साथ-साथ स्कूलों को मान्यता देने के कार्य में भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद सख्ती और बढ़ा दी गई है। 25 खंड शिक्षा अधिकारियों व छह लिपिकों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संगठन से जांच की सिफारिश किए जाने के बाद अब हर तीन महीने पर गोपनीय जांच का निर्णय लिया गया है। 100 टीमें इसके लिए गठित की गई हैं।
प्रत्येक टीम में दो-दो सदस्य हैं और इनकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी गई है। विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से शिक्षकों से फीडबैक लेने की व्यवस्था को और प्रभावी तरीके से लागू कराया जाएगा। हर ब्लाक में काल सेंटर की मदद से शिक्षकों से सवाल-जवाब के माध्यम से चिह्नित किए गए अधिकारियों व कर्मचारियों की इन टीमों की मदद से गोपनीय जांच कर सत्यता का पता लगाया जाएगा। घूस लेने के आरोपितों आय व संपत्ति के ब्योरे के आधार पर उन पर शिकंजा कसा जाएगा। शिक्षकों द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए जाने के बाद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संगठन से जांच कराई जाएगी और आय से अधिक संपत्ति जब्त होगी।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद कहते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार की जोरो टालरेंस नीति को सख्ती से लागू कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मृतक आश्रितों की नियुक्ति से संबंधित सारा कार्य अनलाइन माध्यम से किए जाने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। शिक्षकों व कर्मियों का अनावश्यक शोषण और उनसे घूस लेने वालों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।
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