ऋण फंड के मुनाफे पर कर का नियम बदला
ऋण फंड के मुनाफे पर कर का नियम बदला
वित्त विधेयक-2023 में सरकार ने म्यूचुअल फंड, क्रेडिट कार्ड, फ्यूचर-ऑप्शंस सौदों के प्रावधान बदले
नई दिल्ली, वित्त विधेयक-2023 शुक्रवार को संसद में पास हो गया। इसमें सरकार ने कई बदलाव किए हैं, जो निवेशकों को कई तरह से झटका देंगे। सबसे बड़ा बदलाव म्यूचुअल फंड से जुड़े नियमों में किया गया है।
इसके तहत ऋण (डेट) म्यूचुअल फंड से होने वाला मुनाफा अब दीर्घकालिक के बजाय अल्पकालिक पूंजीगत लाभ माना जाएगा। साथ ही दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर मिलने वाले इंडेक्सेशन को भी खत्म कर दिया गया है। नए नियमों में मुताबिक, ऐसे म्यूचुअल फंड जिनका इक्विटी शेयर में निवेश 35 फीसदी से कम है, उनके मुनाफे को अल्पकालिक पूंजीगत लाभ की श्रेणी में रखा जाएगा।
वर्तमान में ऋण म्यूचुअल फंड में तीन साल से ज्यादा के निवेश से होने मुनाफे को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ की श्रेणी में रखा जाता है। इस पर बिना इंडेक्सेशन का लाभ लिए 10 फीसदी का टैक्स लगता है। इंडेक्सेशन का लाभ लेने पर 20 फीसदी कर लगता है।
इंडेक्सेशन ऐसे समझें खुदरा निवेशक हों या संस्थागत निवेशक, डेट म्यूचुअल फंड में अपनी रकम इसीलिए लगाते थे, क्योंकि इसमें इंडेक्सेशन का लाभ मिलता है। इसका मतलब हुआ कि फंड के मुनाफे में से महंगाई की दर घटाकर शेष बची राशि पर ही टैक्स देना होता है। नया फैसला इन सारे लाभ को खत्म कर देगा।
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